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संपति कुर्क करने का भी आदेश दिया अदालत ने इस मामले में गैरहाजिर रहने के कारण रविदास समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उनकी संपति कुर्क करने का भी आदेश दिया था।
सरकार विरोधी नारे लगाए 27 फरवरी, 1984 को इस मामले की एफआईआर एसआई अखलाक अहमद सिद्दकी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक अभियुक्तों ने 15-20 अन्य लोगों के साथ विशुन नारायन इंटर कालेज से जीपीओ तक बगैर इजाजत जुलुस निकाला।
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जो दुकानदार बंद नहीं कर रहा था, उसके साथ मारपीट की। उन्हें धमकी दी। दुकानदारों के साथ जनता में भी भय व्याप्त हो गया। सार्वजनिक संपति को नुकसान पहुंचाई। विवेचना के बाद पुलिस ने अन्य अभियुक्तों के साथ ही रविदास के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था।