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लखनऊ

मुख्यमंत्री कहीं शिलान्यास की औपचारिकता निभाने का टोटका कर रहे : अखिलेश यादव

( Former Chief Minister Akhilesh Yadav) चरखारी में 8 तालाबों का जीर्णोद्धार हुआ। चंद्रावल नदी को पुनर्जीवित करने के साथ सैकड़ों तालाब गहरे किए गए।

लखनऊJul 04, 2020 / 09:24 pm

Ritesh Singh

मुख्यमंत्री कहीं शिलान्यास की औपचारिकता निभाने का टोटका कर रहे : अखिलेश यादव

मुख्यमंत्री कहीं शिलान्यास की औपचारिकता निभाने का टोटका कर रहे : अखिलेश यादव

लखनऊ , Samajwadi Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं Former Chief Minister Akhilesh Yadav ने कहा है कि BJP Government की उत्तर प्रदेश में जब चलाचली की बेला आ गई है तब मुख्यमंत्री कहीं शिलान्यास की औपचारिकता निभाने का टोटका कर रहे हैं तो कहीं वृक्षारोपण के रिकार्ड बनाने में लग गए हैं यद्यपि राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती दशा पर वे आंख बंदकर बैठ गए हैं। अपने कार्यकाल के अधिकांश समय तो वे जनहित की कोई योजना सामने नहीं ले पाए अब विदाई में पत्थरों पर अपना नाम छपवाने में सक्रियता दिखा रहे हैं। लेकिन जनता सच्चाई जानती है कि जब अभी तक कुछ नहीं कर पाए तो अब आखिर में क्या खाक हवा महल बना देंगे।
मुख्यमंत्री हस्तिनापुर पहुंच कर तथाकथित वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें नई बात क्या है। महाभारत काल में देश की राजधानी हस्तिनापुर को इससे क्या मिलने वाला है। हस्तिनापुर को रेल मार्ग और हाइवे से जोड़ने की मांग पिछले 70 वर्षों से जनता करती आ रही है। BJP Government का भी ध्यान इधर न गया है और न जाने वाला है।
BJP सपने दिखाकर लोगों को बहकाने का काम बड़ी चतुराई से करती हैं जबकि समाजवादियों का काम खुद बोलता है। Samajwadi Party सरकार के समय ही हस्तिनापुर में एक बड़ा बिजलीघर बना जिससे किसानों, नगरवासियों की बिजली सम्बंधी समस्या दूर हो गई। आश्रम पद्धति का एक हाईस्कूल और गल्र्स हास्टल बना। बूढ़ी गंगा पर पुल बनवाया गया। बस्तौरा गांव में गंगा के पानी से गांवों को बचाने के लिए बांध बना। डेयरी फार्म की जमीन समतल कराई। यानी जो भी विकास हुआ, समाजवादी सरकार के कार्यकाल में ही हुआ हैं।
BJP Government की एक विशेषता यह भी है कि वह अपने काम का ब्यौरा देने से कतराती है। कोरोना की जांच के सही आंकड़े नहीं मिलते हैं। BJP Government यह नहीं बताती कि पिछले तीन वर्षों में उसने जो वृक्षारोपण किया उसके पौधे कहां किस हालत में है। पर्यावरण संरक्षण भाजपा के लिए भ्रष्टाचार का एक रास्ता है। इसके विपरीत समाजवादी सरकार में राजधानी लखनऊ में 400 एकड़ जमीन में विशाल जनेश्वर मिश्र पार्क बना, जहां की हरियाली देखते बनती है। लाॅयन सफारी इटावा में एक हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया गया था। समाजवादी सरकार का एक दिन में 5 करोड़ वृक्षारोपण का रिकार्ड गिनीज बुक में दर्ज है। चूंकि इनके रख-रखाव की भी व्यवस्था हुई इसलिए वे आज भी जीवित हैं और फल-फूल रहे हैं।
प्रदेश में हरियाली उगाने के पहले मुख्यमंत्री बुन्देलखण्ड में जलधारा भी बहा चुके हैं। विगत मंगलवार को उन्होंने शिलान्यास के पत्थर में अपना नाम लगवा दिया बस यही उनका विकास मिशन है। BJP Government ने लगता है कोई ऐसा मंत्र फूंक दिया है कि अब सदा के लिए बुन्देलखण्ड की प्यास भी बुझ जाएगी। BJP नेतृत्व की समस्या यह है कि उनमें सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं है। बुन्देलखण्ड में समाजवादी सरकार के समय ही पानी की टंकी लगी, पाइप बिछा दिए गए थे। चरखारी में 8 तालाबों का जीर्णोद्धार हुआ। चंद्रावल नदी को पुनर्जीवित करने के साथ सैकड़ों तालाब गहरे किए गए।
अब तो BJP की सत्ता जाने में डेढ़ वर्ष ही बचा हैं। अब तक BJP ने प्रदेश को बदहाल बनाने का ही काम किया। समाज का हर वर्ग परेशान हुआ है। न नदियां साफ हुई न लोगों को बिजली, पानी, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं मिली। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात हुआ। जन-मन की आकांक्षाओं को कुचलने और लोकतंत्र को आहत करने में ही भाजपा ने अब तक पूरा समय लगा दिया है।
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