शांति भूषण मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 के देश के भारत के कानून मंत्री रहे थे। शांतु भूषण की पहचान देश के जानेमाने वकील के तौर पर भी रही। 5 दशक से भी ज्यादा समय तक उन्होंने वकालत की और कई बड़े केस लड़े।
शांति भूषण के परिवार में उनके बेटे प्रशांत भूषण और जयंत भूषण और बेटियां शालिनी गुप्ता और शेफाली भूषण हैं। प्रशांत भूषण और जयंत भूषण दोनों ही देश के नामी वकील हैं। बिजनौर से प्रयागराज फिर दिल्ली आए
शांति भूषण का 1925 में बिजनौर में हुआ था। शांति भूषण का बचपन बिजनौर में बीता फिर वो प्रयागराज आ गए। लंबे समय तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की। इसके बाद वो दिल्ली आ गए।
शांति भूषण का 1925 में बिजनौर में हुआ था। शांति भूषण का बचपन बिजनौर में बीता फिर वो प्रयागराज आ गए। लंबे समय तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की। इसके बाद वो दिल्ली आ गए।
शांति भूषण राजनीति में भी सक्रिय रहे। भूषण ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस (ओ) पार्टी से की थी। शांति भूषण काफी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी में भी रहे। वो राज्यसभा के सांसद और कानून मंत्री भी रहे। अन्ना आंदोलन समेत कई आंदोलनों में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही।
इंदिरा गांधी के खिलाफ लड़ा था केस
वकील के रूप में शांति भूषण का इंदिरा गांधी के खिलाफ 1975 में लड़ा गया केस भारतीय के इतिहास में अहम स्थान रखता है। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता के खिलाफ राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
वकील के रूप में शांति भूषण का इंदिरा गांधी के खिलाफ 1975 में लड़ा गया केस भारतीय के इतिहास में अहम स्थान रखता है। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता के खिलाफ राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
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