अयोध्या में प्रवेश के चार मुख्य मार्ग होंगे। लखनऊ से सहादतगंज बाईपास होते हुए नया घाट अयोध्या जाने वाला मार्ग राम पथ, गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर अयोध्या नया घाट तक पहुंचने का रास्ता धर्म पथ और अयोध्या में बिड़ला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला होकर और हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि तक जाने वाले दो अलग-अलग मार्गों को श्रद्धा पथ और भक्ति पथ कहा जाएगा।
रामनगरी को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर ने एसएएफएएआइ यानी सफाई मॉडल बनाया है। ‘एसए’ का अर्थ स्प्रेड अवेयरनेस (जागरूकता फैलाना), ‘एफएए’ का अर्थ फैसिलिटी अवलिबिटी एंड एक्सेसिबिलिटी (संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना) और ‘आई’ से तात्पर्य इच्छाशक्ति से है। आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय की देखरेख में इसे तैयार किया गया है।
ग्लोबल टूरिज्म हब के रूप में विकसित की जा रही रामनगरी में पर्यटक त्रेतायुग में भगवान राम की वन यात्रा का भी आभास कर सकेंगे। वनवास के दौरान पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ भगवान राम जिन-जिन वन क्षेत्रों से होकर गुजरे थे उनकी स्मृतियां रामायण थीम पार्क (राम स्मृति वन) के रूप में विकसित किया जा रहा है। गुप्तारघाट से नयाघाट के बीच यह योजना प्रस्तावित है। रामायण थीम पार्क पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। पार्क में रामायणकालीन वनस्पतियों का पूरा वन क्षेत्र दिखेगा। गुहाराज निषाद की अयोध्या में विशाल प्रतिमा लगाने की योजना है।
धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनने के साथ ही रामनगरी में पर्यावरण पर्यटन का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है। रामनगरी में सरयू तट की शोभा बढ़ाने के साथ ही इको टूरिज्म की संभावनाएं समदा झील में तलाशी गई हैं। सोहावल तहसील क्षेत्र के कोला गांव में स्थित समदा झील को पर्यटन की ²ष्टि से संवारने का कार्य अयोध्या विकास प्राधिकरण करेगा। समदा झील को 11 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा। समदा झील 67 हेक्टेयर में फैली है। बरसात के दिनों में झील का दायरा बढ़ कर सौ हेक्टेयर पहुंच जाता है।