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योगी जी ये क्या हो रहा है, अब दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या कैसे भूलेगा यूपी, घटना के बाद विपक्ष हुआ हमलावर

locationलखनऊPublished: Nov 28, 2021 02:39:54 pm

Submitted by:

Prashant Mishra

आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कानून व्यवस्था को अनपी ताकत के तौर पर पेश करने वाली भाजपा सरकार के लिए प्रयागराज की ये घटना चुनौती पैदा करने वाली प्रतीत हो रही है। प्रयागराज में दलित परिवरा के चार सदस्यों की हत्या की घटना के बाद विरप योगी सरकार पर हावी होता हुआ नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी से पहले क्रांग्रस महासचिव प्रियंका गांधी प्रयागराज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी।

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लखनऊ. प्रयागराज में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या के खिलाफ आम आदमी पार्टी रविवार को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में विरोध प्रदर्शन करेगी। आपराधिक मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग करते हुए आप सांसद संजय सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इस मामले पर चर्चा के लिए समय मांगा है।
हमलावर हुआ विपक्ष
आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कानून व्यवस्था को अनपी ताकत के तौर पर पेश करने वाली भाजपा सरकार के लिए प्रयागराज की ये घटना चुनौती पैदा करने वाली प्रतीत हो रही है। प्रयागराज में दलित परिवरा के चार सदस्यों की हत्या की घटना के बाद विरप योगी सरकार पर हावी होता हुआ नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी से पहले क्रांग्रस महासचिव प्रियंका गांधी प्रयागराज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी।
संविधान दिवस का नाटक करती है भाजपा
सरकार को घेरते हुए अपने बयान में संजय सिंह ने कहा कि 26 नवंबर को, जब भाजपा देश भर में संविधान दिवस मनाने का नाटक कर रही थी, तब एक दलित परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसमें पति, पत्नी, उनकी नाबालिग बेटी और विकलांग बेटा शामिल है। लड़की की हत्या करने से पहले, उसका गैंगरेप भी किया गया था। यह घटना योगी आदित्यनाथ सरकार, प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का नतीजा है।
लंबे समय से परिवार कर रहा था शिकायत
संजय सिंह ने कहा कि परिवार 2019 से शिकायत कर रहा था, लेकिन पुलिस ने शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार द्वारा पहली बार 2019 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन दो साल बाद भी पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। उन्होंने कहा कि परिवार को एक बार फिर 2020 में और फिर सितंबर 2021 में पीटा गया था। एफआईआर दर्ज कराने से पहले उन्हें एक हफ्ते तक पुलिस से गुहार लगानी पड़ी लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री को शोक संतप्त परिवार से मिलने का समय नहीं मिला। मृतक का भाई सेना में है। उसके परिवार के सदस्य भी डरे हुए हैं।
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