सरकार को घेरते हुए अपने बयान में संजय सिंह ने कहा कि 26 नवंबर को, जब भाजपा देश भर में संविधान दिवस मनाने का नाटक कर रही थी, तब एक दलित परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसमें पति, पत्नी, उनकी नाबालिग बेटी और विकलांग बेटा शामिल है। लड़की की हत्या करने से पहले, उसका गैंगरेप भी किया गया था। यह घटना योगी आदित्यनाथ सरकार, प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का नतीजा है।
लंबे समय से परिवार कर रहा था शिकायत
संजय सिंह ने कहा कि परिवार 2019 से शिकायत कर रहा था, लेकिन पुलिस ने शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार द्वारा पहली बार 2019 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन दो साल बाद भी पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। उन्होंने कहा कि परिवार को एक बार फिर 2020 में और फिर सितंबर 2021 में पीटा गया था। एफआईआर दर्ज कराने से पहले उन्हें एक हफ्ते तक पुलिस से गुहार लगानी पड़ी लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री को शोक संतप्त परिवार से मिलने का समय नहीं मिला। मृतक का भाई सेना में है। उसके परिवार के सदस्य भी डरे हुए हैं।