ये भी पढ़ें- मुलायम सिंह यादव अचानक पीजीआई में भर्ती, डॉक्टर ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए दिया बड़ा बयान इतने प्रत्याशियों पर अपराधिक मामले दर्ज- एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच ने 152 प्रत्याशियों में से 145 के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया जिसमें 21 फीसदी (31 उम्मीदवार) ने अपने आपराधिक मामलों का ब्योरा दिया। इनमें करीब 26 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 39 फीसदी (145 में से 57 उम्मीदवार) प्रत्याशी करोड़पति हैं। 8 प्रत्याशियों की वार्षिक आय 50 लाख से ज्यादा है, तो वहीं 6 उम्मीदवारों ने अपना पैन घोषित नहीं किया है।
यह है शैक्षणिक योग्यता- रिपोर्ट के मुताबिक यह बात भी सामने आई है कि 61 फीसदी उम्मीदवारों की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच है, तो वहीं 38 फीसदी उम्मीदवार 50 से 80 वर्ष आयु के बीच में हैं। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो 37 प्रतिशत उम्मीदवार 5वीं से 12वीं तक पढ़े हैं, 61 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता ग्रैजुएट या उससे ज्यादा बताई है। चुनाव लड़ रहे दो उम्मीदवार निरक्षर भी हैं। वहीं दो उम्मीदवार केवल साक्षर हैं।
दागी नेता भी शामिल- एडीआर के मुताबिक चौथे चरण के विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि तीसरे चरण के मुकाबले एक फीसदी उम्मीदवार बढ़ गए हैं, जिन पर आपराधिक मुकदमे हैं। वहीं शैक्षणिक योग्यता में अन्य तीन चरणों के मुकाबले वृद्धि देखने को मिली है। एडीआर का मानना है कि चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट एवं सामाजिक संगठनों के तमाम प्रयासों के बाद भी बाहुबली और धनबलियों के प्रतिशत में गिरावट नहीं आ रही है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उम्मीदवारों द्वारा घोषित अपराधिक मामलों में स्वामी सच्चिदानंद हरी साक्षी पहले स्थान पर हैं, जो उन्नाव से बीजेपी प्रत्याशी हैं। दूसरे नम्बर पर फरुर्खाबाद से शिवपाल यादव की पार्टी पीएसपी के उम्मीदवार उदय पाल सिंह और तीसरे नंबर पर आलोक कुमार कानपुर से सभी जन पार्टी से प्रत्याशी हैं।
यह हैं सबसे अमीर उम्मीदवार-
झांसी से भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा- 124 करोड़
उन्नाव से कांग्रेस प्रत्याशी अन्नू टंडन – 81 करोड़
कानपुर से शिवसेना प्रत्याशी- 66 करोड़ यह हैं सबसे गरीब उम्मीदवार-
मिश्रिख से राष्ट्रीय श्रमजीवी दल के प्रत्याशी नागेन्द्र कुमार- 40 हजार
हरदोई से निर्दलीय उम्मीदवार भैयालाल – 20 हजार
खीरी से भारतीय शक्ति चेतना पार्टी उम्मीदवार वंदना गुप्ता- 17 हजार