ग्रामीण महिलाओं को फिलहाल मुफ्त सेनेटरी नैपकिन नहीं सरकार ने साफ़ किया है कि जिस तरह की मशीनें उत्तर प्रदेश के नगरीय इलाकों में लगाने की योजना सरकार लाने जा रही है, वैसी कोई योजना फिलहाल ग्राम पंचायतों में लागू करने की कोई तैयारी नहीं है। परिषदीय विद्यालयों में किशोरियों को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन बांटने की योजना पिछली सरकार के कार्यकाल में जरूर शुरू हुई थी लेकिन वर्तमान सरकार जिस तरह मशीने लगाकर शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन देने जा रही है, वैसी योजना फिलहाल पंचायतों को लेकर नहीं है। सरकार इसके पीछे अभी कई बाधाएं मान रही है, जिन्हें दूर किये बिना पंचायतों में इसे लागू करना एक चुनौती साबित हो सकती है।
परंपरागत सोच से सरकार को है डर ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त सेनेटरी नैपकिन की मशीनें लगाने से जुडी किसी योजना को लेकर सरकार में सबसे बड़ा डर इस बात को लेकर है कि इस पर प्रतिक्रिया किस तरह से सामने आएगी। सरकारी अफसर मानते हैं कि सेनेटरी नैपकिन के उपयोग को लेकर ग्रामीण और शहरी महिलाओं के व्यवहार में अभी भिन्नता विद्यमान है। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव चंचल कुमार तिवारी कहते हैं कि शहरी क्षेत्र में शुरू होने जा रहे प्रयोग की सफलता और उसे मिलने वाली प्रतिक्रिया का अध्ययन करने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को लागू करने से पहले इस बात का अध्ययन भी जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसके उपयोग के प्रति क्या सोच रखते हैं। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इसके प्रति सोच को परिवर्तित करना होगा उसके बाद ही योजना को लागू किया जा सकेगा।