कब होती है गणेश चतुर्थी – भाद्रपद भादो मास (Bhadrapada Bhado Maas) के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को होती है गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)
– दिन के मध्याह्र काल, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था भगवान गणेश का जन्म
– मध्याह्र काल में ही भगवान गणेश की पूजा सबसे उत्तम
गणेश पूजा का शुभ मुहुर्त – 2 सितंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2 September 2019)
– पूजन का शुभ मूहर्त दोपहर 11 बजकर 4 मिनट से 1 बजकर 37 मिनट तक
– दो घंटे 32 मिनट तक रहेगा पूजा का शुभ मूहर्त
मूर्ति स्थापना की विधि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन भगवान गणेश की पूजा से पहले मूर्ति स्थापना की सही विधि इस प्रकार है।
– सबसे पहले लाल वस्त्र चौकी पर बिछाएं
– लाल वसत्र पर अक्षत छिड़कें और उसके ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें
– अब गणेश भगवान को नहलाएं
– भगवान गणेश को नहलाने के लिये पान के पत्ते का इस्तेमाल करें
– पान के पत्तों से गंगाजल लें और भगवान गणेश को स्नान कराएं
भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Ji Ki Puja Vidhi) में रखें खास ध्यान – गणपति बप्पा गणेश भगवान को हमेशा पीले वस्त्र ही पहनाएं
– गणेश भगवान को पीला कपड़ा अर्पित करें
– भगवान गणेश के गले में मोती की माला पहनाएं
– भगवान गणेश को तैयार करने के बाद अक्षत और फूल भी चढ़ाएं
भगवान गणेश (Lord Ganesh) का भोग – गजानन को भोग में मोदक सबसे प्रिय
– घर के बने मोदक हों तो ज्यादा अच्छा
– बेसन के लड्डू घर में बनाकर भगवान गणेश को भोग लगाएं
भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) की पूजन सामग्री – गणेश जी की पूजा के लिए गणेश प्रतिमा,
– जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा,
– रोली, अक्षत, कलावा जनेऊ,
– इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क,
– सुपारी, लौंग पंचमेवा, घी कपूर,
– पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा,
– गंगाजल भी पूजा के स्थान पर रख लें
रिद्धि-सिद्धि की भी करें स्थापना – भगवान गणेश के दोनों तरफ पत्नी रिद्धि सिद्धि के रूप मं सुपारी रखें
– भगवान गणेश के दो पुत्र शुभ और लाभके नाम स्वास्तिक के दाएं-बाएं लिखें
– गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करने से पहले प्रतिमा के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी भी रखें.
भगवान गणेश की ऐसे करें पूजा – गणपति की मूर्ति स्थापना के पास तांबे या चांदी के कलश में जल भरकर रखें
– कलश गणपित के दांई ओर रखें
– कलश के नीचे चावल या अक्षत रखें
– कलश पर मोती जरूर बांधें
– गणपति के बांई तरफ चावल के ऊपर घी का दिया भी जरूर जलाएं
– गणेश भगवान की पूजा और माला जपने का समय एक रखने से मनचाहा लाभ मिलेगा
– सबसे आखिरी में भगवान गणेश की आरती करें (Bhagwan Ganesh Ki Arti)