– बिजनौर से सीएम योगी और बलिया से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिखाई हरी झंडी
– पांच दिन तक चलेगी गंगा यात्रा
– गंगा यात्रा जरिये लोगों को जागरुक करना है मकसद
गंगा यात्रा के जरिये 2022 पर नजर, भारत माता की जय के साथ सीएम योगी ने शुरू किया पांच दिवसीय सफर
लखनऊ. नमामि गंगे योजना के तहत भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा यात्रा का शुभारंभ सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर से किया। पांच दिनों तक चलने वाली यह यात्रा दो रुटों से निकाली जा रही है। एक रूट बिजनौर से कानपुर और दूसरा बलिया से कानपुर होकर गुजरेगा। बलिया से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यात्रा का आगाज किया। गंगा यात्रा 86 विधानसभा क्षेत्रों, 26 लोकसभा क्षेत्रों और 27 जिलों से होकर गुजरेगी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और आठ केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। यात्रा का समापन 31 जनवरी को कानपुर में होगा।
भारत माता की जय के साथ शुरू किया संबोधन मुख्यमंत्री ने बिजनौर के बैराज घाट से यात्रा को पूजा-अर्चना के बाद हरी झंडी दिखाई। सीएम से पहले संत-महंतों ने गंगा पूजन किया। हरिद्वार, शुक्रताल और बिजनौर के 101 पंडित और तीन गुरुकुल की विदुषी गंगा पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। गंगा यात्रा शुरू करने से पहले सीएम योगी ने भारत माता की जय और गंगा मैया की जय के साथ संबोधन किया। सीएम ने कहा कि पहले कानपुर में गंगा पूरी तरह प्रदूषित थी। लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयासों ने गंगा को निर्मल कर लोगों में गंगा स्वच्छता को बढ़ावा दिया। इसके बाद सीएम योगी ने गंगा यात्रा शुरू की। इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे।
गंगा यात्रा के बहाने 2022 पर नजर इस यात्रा के बहाने बीजेपी अपनी नजर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव टिकाए रखी है। बीजेपी गंगा यात्रा के जरिये 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले निषाद जाति के वोट बैंक को सहेजने का काम कर सकती है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा कर वोटबैंक को सहेजने का प्रयास किया था।
गंगा यात्रा का मकसद इस यात्रा का मकसद गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए लोगों को जागरूक करना है। गंगा यात्रा को अर्थ गंगा से जोड़ने की तैयारी है। इसके तहत गंगा किनारे बसे लोगों तक सरकार की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाना है।
योजनाओं से जुड़ेंगे जिले यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां गंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। गंगा यात्रा को अर्थ गंगा से जोड़ने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। यात्रा के दायरे में आने वाले 27 जिलों के सभी विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा। गंगा यात्रा के दौरान इसके तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा बांध, गंगा पार्क, आदि का निर्माण कराया जाएगा। प्रदेश सरकार गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बावगवानी की व्यवस्थाएं, वृक्षारोपण, खेतों में फलदार पौधे लगाए जाने के साथ ही किसानों को सब्सिडी की सुविधा देना और जीरो बजट खेती से किसानों की मदद करने की नीति को आगे बढ़ाना चाहती है। ऑर्गेनिक ढंग से खेती या बागवानी करने के लिए गंगा किनारे 21 नगर निकायों और 1038 ग्राम पंचायतों को चुना गया है। इसके अलावा हल्दिया से वाराणसी तक मल्टि मॉडल टर्मिनल को अर्थ गंगा से जोड़ने की तैयारी है। मल्टी मॉडल टर्मिनल नदियों पर बना पहला ऐसा टर्मिनल है, जो कंटेनर कार्गो हैंडलिंग का काम करेगा। यह वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग और कोलकाता बंदरगाह के जरिये उत्तर भारत को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और अन्य दक्षिण एशियाई से जोड़ेगा।
गढ़मुक्तेश्वर प्रस्थान करेंगे सीएम योगी मंगलवार को गंगा यात्रा का दूसरा दिन है। सुबह 8.30 बजे मुख्यमंत्री पूजा-अर्चना कर गंगा यात्रा के साथ गढ़मुक्तेश्वर प्रस्थान कर जाएंगे। उसके बाद वे दोपहर 12.45 बजे अमरोहा में जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा का अगला पड़ाव 29 जनवरी को बुलंदशहर के वशीघाट में होगा। यहां कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, बृजेश पाठक और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मौजूद रहेंगे। 30 जनवरी को गंगा यात्रा फर्रुखाबाद से शुरू होकर बिठूर पर रुकेगी। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मौजूद रहेंगे।
द्वितीय यात्रा का शेड्यूल बलिया के महुली घाट से शुरू हुई गंगा यात्रा का अगला पड़ाव गाजीपुर के सैदपुर और चंदौली के डोमरी में होगा। इसके बाद 29 जनवरी को वाराणसी में गंगा यात्रा शुरू होगी। चौथे दिन कौशाम्बी के कड़ाधाम, प्रतापगढ़ के काला कंकार, रायबरेली के लालगंज और उन्नाव जिले के बक्सर में यात्रा पूरी होगी। दोनों यात्राओं का समापन 31 जनवरी को कानपुर में होगा। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे।