36 मामले दर्ज डीसीपी सेंट्रल डॉ ख्याति गर्ग ने इस पर कहा है कि अभय के खिलाफ विभूतिखंड और हजरतगंज कोतवाली में 36 मामले दर्ज हैं। उसने इन्फिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर के नाम से साल 2013 में कंपनी शुरू की थी। वह कंपनी के माध्यम से रियल एस्टेट का काम करता था। लोगों को उनके पैसे दोगुना करने का झांसा देता था और फिर फरार हो जाता था। उसने 2017 में साथी राजेश पांडे, रागिनी गुप्ता, निखिल कुशवाहा, नीलम वर्मा और अन्य के साथ मिलकर ओजोन इन्फिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर नाम से कंपनी बनाई और हजारों को चूना लगाया।
10 हजार निवेशकों के एक अरब से रुपये हड़पे पुलिस के अनुसार, अभय ने पिछले पांच साल में करीब 10 हजार निवेशकों के एक अरब से रुपये हड़पे और उसके बाद फरार हो गया। अभय को इससे पहले विभूतिखंड पुलिस ने मार्च 2019 में गिरफ्तार किया था और कुछ महीने बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया। लेकिन इसके बाद वह चोरी चुपके गिरोह का संचालन शुरू कर रहा था। पुलिस के मुताबिक अभय ने विभूतिखंड के साइबर हाइट्स में हैलो राइड कंपनी का ऑफिस खोला था और वहां वह बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर पैसे लेकर निवेशकों को ठगने का काम करता था। वह बाइक टैक्सी के नाम पर प्रति वाहन 61 हजार रुपये जमा करवाता था और इसके बाद वह उन्हें हर महीने करीब 10 हजार रुपये देने का लालच देता था। लोग उसके लालच में आकर फंस जाते थे और वह इसी का फायदा उठाता था।