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हैलो राइड के मालिक और गिरोह पर गैंगस्टर की तैयारी, यूपी सहित अन्य प्रदेशों में फैला था नेटवर्क

locationलखनऊPublished: Nov 29, 2021 03:55:10 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजरतगंज पुलिस ने हैलो राइड कंपनी के मालिक अभय कुशवाहा को एक अरब से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में राजाजीपुरम से गिरफ्तार कर लिया है। अभय की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।

Gangster Preparation on Hello Ride Owner Arrested in Corruption Case

Gangster Preparation on Hello Ride Owner Arrested in Corruption case

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजरतगंज पुलिस ने हैलो राइड कंपनी के मालिक अभय कुशवाहा को एक अरब से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में राजाजीपुरम से गिरफ्तार कर लिया है। अभय की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। उन पर पैसे दोगुना करने, प्लॉट दिलाने और बाइक टैक्सी के नाम पर बड़ा मुनाफा कमाने के लालच में कंपनी में लोगों का निवेश कराने और फिर बाद में फरार होने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, अभय का नेटवर्क काफी बड़ा है। अभय और उसके साथियों ने यूपी के लखनऊ, फतेहपुर और नोएडा में ऑफिस खोले थे और इसके अलावा उनके कार्यालय बिहार और पंजाब में भी थे। उस पर और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर की तैयारी कर रही है।
36 मामले दर्ज

डीसीपी सेंट्रल डॉ ख्याति गर्ग ने इस पर कहा है कि अभय के खिलाफ विभूतिखंड और हजरतगंज कोतवाली में 36 मामले दर्ज हैं। उसने इन्फिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर के नाम से साल 2013 में कंपनी शुरू की थी। वह कंपनी के माध्यम से रियल एस्टेट का काम करता था। लोगों को उनके पैसे दोगुना करने का झांसा देता था और फिर फरार हो जाता था। उसने 2017 में साथी राजेश पांडे, रागिनी गुप्ता, निखिल कुशवाहा, नीलम वर्मा और अन्य के साथ मिलकर ओजोन इन्फिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर नाम से कंपनी बनाई और हजारों को चूना लगाया।
10 हजार निवेशकों के एक अरब से रुपये हड़पे

पुलिस के अनुसार, अभय ने पिछले पांच साल में करीब 10 हजार निवेशकों के एक अरब से रुपये हड़पे और उसके बाद फरार हो गया। अभय को इससे पहले विभूतिखंड पुलिस ने मार्च 2019 में गिरफ्तार किया था और कुछ महीने बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया। लेकिन इसके बाद वह चोरी चुपके गिरोह का संचालन शुरू कर रहा था। पुलिस के मुताबिक अभय ने विभूतिखंड के साइबर हाइट्स में हैलो राइड कंपनी का ऑफिस खोला था और वहां वह बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर पैसे लेकर निवेशकों को ठगने का काम करता था। वह बाइक टैक्सी के नाम पर प्रति वाहन 61 हजार रुपये जमा करवाता था और इसके बाद वह उन्हें हर महीने करीब 10 हजार रुपये देने का लालच देता था। लोग उसके लालच में आकर फंस जाते थे और वह इसी का फायदा उठाता था।
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