script

गायत्री प्रजापति की बढ़ी मुसीबतें, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

locationलखनऊPublished: Apr 17, 2018 04:05:44 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

gayatri prajapati

gayatri prajapati

लखनऊ. पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक महिला से बलात्कार व उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने के मामले में गायत्री को 27 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चित्रकूट की महिला से गैंगरेप व नाबालिग के दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आज पूर्व मंत्री समेत सात आरोपियों को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विकास नागर ने गायत्री समेत सभी आरोपियों- आशीष शुक्ला, उर्फ पिंटू, रूपेश्वर उर्फ रूपेश, अमरेंद्र सिंह, चंद्र पाल, अशोक तिवारीकी और विकास वर्मा – की न्यायिक हिरासत 27 अप्रैल तक बढ़ा दी है व उन सबको जेल भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसी भी कार्यवाही के लिए रोक लगा दी है।
18 फरवरी को दायर हुई थी चार्जशीट-

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति व अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 18 फरवरी 2017 को रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर कर चुकी है।
इन मामले में भी फंसे गायत्री को अखिलेश हटाया था मंत्री पद से-

आपको बता दें कि उच्च मामले के अलावा गायत्री प्रजापति पर आय से अधिक संपत्ति रखने, अवैध कब्जे, अवैध खनन सहित कई संगीन आरोप लग चुके हैं। यह देखते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रजापति को खनन घोटाले में कथित तौर पर शामिल होनो के कारण उन्हें खनन मंत्री के पद से हटा दिया था। हालांकि पिता मुलायम सिंह यादव के दबाव के चलते उन्हें यह पद वापस दे दिया गया था।
अखिलेश नहीं थे प्रजापति के पक्ष में-

2017 चुनाव से ठीक पहले जब अखिलेश यादव की पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के साथ अंदरूनी कलह चल रहा थी, तब प्रजापति अपने घोटालों के चलते खूब चर्चा में थे और अखिलेश के निशाने पर भी। कहा जाता है मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले प्रजापति को विधानसभा का टिकट नेताजी के दबाव में ही मिला था। हालांकि अखिलेश इसके पक्ष में नहीं थे।

ट्रेंडिंग वीडियो