कोरोना की मुक्ति के लिए डालेंगे आहूति ये यज्ञ विश्व को कोरोना वायरस से बचाने के लिए किया जा रहा है। एक समय, एक साथ अपने-अपने घरों में ‘गृह-गृह यज्ञ’ के तहत गायत्री यज्ञ में कोरोना मुक्ति की कामना की आहूति डालेंगे। वैश्विक महामारी करोना के लिए सामूहिक विशेष आध्यात्मिक प्रयोग किया जाएगा। पूरे विश्व में सुख, शांति व समृद्धि के लिए कल्याण आहूति के माध्यम से प्रार्थना की जाएगी। सभी को लॉकडाउन का पालन करने और शारीरिक दूरी बनाकर हवन करने की अपील की गई है।
एक जून को विश्व में गृह गायत्री यज्ञ एक साथ सामूहिक यज्ञ के प्रभाव से आत्मबल संवर्धन, आस्थाओं का परिशोधन, वातावरण परिष्कार, करोना संकट निवारण में लाभ मिलेगा। विश्व में सुख शांति, समृद्धि एवं मानव प्राणि मात्र के कल्याण के लिए एक जून को भी पूरे विश्व में गृह-गृह गायत्री यज्ञ होगा।
अक्षण पुण्य फल की होगी प्राप्ति हिंदू संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य व शुद्धि के लिए गंगा जल को प्रयोग में लाते हैं।मां गंगा के अवतरण की तारीख एक जून को है लेकिन लॉकडाउन के चलते गंगा की आरती घरों में होगी। कुड़ियाघाट व मनकामेश्वर उपवन घाट के साथ ही खदरा के शिव मंदिर घाट पर आरती होती थी। आचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन राजा भागीरथ गंगा को धरती पर लाएं थे। इस दिन नदियों में स्नान दान पुण्य का विशेष महत्व है। लाॅकडाउन के चलते घर में गंगा जल के पानी से स्नान करना लाभकारी माना गया है। आवार्य अनुज पांडेय ने बताया कि भागीरथ के 60 हजार पूवर्जों को कपिल मुनि का श्राप मिला था जिसकी वजह से राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर गंगा जी प्रकट हुई। मां गंगा मोक्षदायिनी और समस्त पापों का नाश करने वाली और अक्षय पुण्य फल प्रदान करने वाली हैं। इनकी महिमा पुराणों में भी की गई है। तुलसी दास ने भी कलयुग में सदगति के लिए श्रीराम और देव नदी गंगा का पवित्र जल को ही आधार माना है। उन्होंने बताया कि 31 मई को शाम 5ः36 से दशमी लगेगी और एक जून दोपहर 2ः56 बजे तक मौन रहेगा।