लखनऊ

इस जर्मन कंपनी ने आगरा को बनाया अपना ठिकाना, कई और इंटरनेशनल कंपनियां चीन छोड़कर यूपी आने की तैयारी में

– योगी आदित्यनाथ सरकार की मेहनत ला रही रंग- चीन से रि-लोकेट कंपनियों को कई सहूलियतें दे रही यूपी सरकार

लखनऊMay 20, 2020 / 04:41 pm

Hariom Dwivedi

चीन से रि-लोकेट वाली कंपनियों को कई तरह की सहूलियतें देने की तैयारी की जा रही है

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक ओर जहां कोरोना महामारी की चुनौतियों से निपट रही है, दूसरी ओर प्रदेश में देशी-विदेशी नये निवेश की कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। खासकर चीन से रि-लोकेट वाली कंपनियों को कई तरह की सहूलियतें देने की तैयारी की जा रही है। इनमें व्यापार करने में आसानी, सस्ती जमीन, बुनियादी ढांचा और निवेश सुविधा जैसे पांच प्रमुख बिंदु शामिल हैं। कुल मिलाकर यूपी सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने को लालायित है, जिसका असर भी दिखना शुरू हो गया है। दुनिया भर में जूता बनाने के लिए मशहूर जर्मनी की कंपनी वॉन वेल्स यूपी के आगरा में प्रोडक्शन यूनिट शुरू करने जा रही है। कंपनी ने चीन से अपना कारोबार समेट लिया है। वॉन वेल्स अच्छे फुटवियर्स ये लिए जानी जाती है। कोरोना महामारी के बीच कंपनी ने चीन में अपने फैक्ट्री को बंद करने और नया प्रोडक्शन यूनिट भारत लाने का फैसला किया है। जल्द ही आगरा में वॉन वेल्स कंपनी अपना काम शुरू कर देगी। इसके लिए आई ट्रिक कंपनी साथ समझौता भी कर लिया है।
दुनिया भर में अपने फुटवियर्स के लिए मशहूर वॉन वेल्स कंपनी का दावा है कि उनके उत्पाद इस्तेमाल करने से पांव, घुटने और कमर दर्द जैसी समस्या से राहत मिलती है। उनकी वेबसाइट पर जिक्र है कि 80 देशों में 10 लाख से ज्यादा यूजर्स वॉन वेल्स का फुटवियर इस्तेमाल करते हैं। और जर्मन कंपनी के दुनियाभर में 500 से ज्यादा रीटेल स्टोर्स हैं। इसके अलावा कंपनी ऑनलाइन भी अपने उत्पादों की बिक्री करती है।
स्वदेशी जूता निर्यातक कंपनी आई ट्रिक और जर्मनी की कंपनी कासा ऐवर जिम्ब के बीच करार हुआ है। करार के मुताबिक आई ट्रिक कंपनी इस जर्मनी कंपनी का माल बनाएगी। हालांकि, क्वालिटी कंट्रोल जर्मन कंपनी का ही रहेगा। आई ट्रिक कंपनी के सीईओ आशीष जैन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार कंपनी का सहयोग करने के लिए तैयार है। कंपनी से करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। जूता निर्माण में स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल उनकी प्राथमिकता रहेगी।
देशी-विदेशी कंपनियों के स्वागत को तैयार
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यत: सरकार तीन सूत्रीय फॉर्मूले पर काम कर ही है। इनमें मौजूदा उद्योगों का समर्थन, मौजूदा निवेश को बनाये रखना और नये निवेश को आकर्षित करना शामिल है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि चीन से हटने वाली कंपनियों के स्वागत के कई पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेशनल और रीजनल दोनों कंपनियों को आकर्षित करने को उत्सुक है। राज्य में उन्नत तकनीकों पर आधारित निवेश के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कई कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अपने निवेश को चीन से यूपी लाने में रुचि दिखाई है।
फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाना चाहता है थाईलैंड
एमएसएमई और खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीते दिनों थाईलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री कोर्न दब्बरंसी संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। कोर्न दब्बरंसी ने प्रदेश की नई औद्योगिक और निवेश नीति में विशेष रुचि दिखाते हुए कहा कि यूपी के एमएसएमई सेक्टर में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। यूपी में फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाने की इच्छा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अक्टूबर में थाईलैंड के उद्यमियों का एक प्रतिनिधिमंडल यूपी भेजा जाएगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बताई खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों राज्यों से कहा था कि कई विदेशी कंपनियां कोविड 19 महामारी के चलते चीन से निकलकर भारत आना चाहती हैं। ऐसे में राज्यों को नए अवसरों के लिए तैयार रहना होगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अमेरिका सहित अन्य देशों के करीब 100 निवेशकों और कंपनियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस की। और कहा कि अगर वे चीन से निकलकर अपनी फैक्ट्रियों और बेस को उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करती हैं तो उन्हें मनमुताबिक सहूलियतें दी जाएंगी।

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