केंद्र में तैनात हैं निधि केसरवानी आईएएस अधिकारी निधि केसरवानी वर्तमान में केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनात हैं। 2004 बैच की मणिपुर कैडर से आने वाली निधि केसरवानी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी का आरोप है।
21 जुलाई 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनीं थी वह 21 जुलाई, 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनीं थीं। निधि केसरवानी के खिलाफ कार्रवाई अब केंद्र सरकार को करनी है। प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है।
किसानों से सस्ते रेट में ली जमीन
गाजियाबाद की तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी पर आरोप है कि इस घोटाले में अधिकारियों ने शुरुआत में किसानों से सस्ते रेट पर जमीन खरीद ली और फिर उसे अपने रिश्तेदारों को खरीदवाकर सरकार को कई गुना ऊंचे रेट पर बिकवा दी गई थी। मेरठ मंडल के पूर्व आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने गाजियाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया था।
दो अधिकारी हो चुके निलंबित इस मामले में गाजियाबाद के पूर्व अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) घनश्याम सिंह ने धारा-3डी की अधिसूचना के बाद नाहल गांव में अपने बेटे के नाम जमीन खरीदी और बाद में बढ़ी दर से मुआवजा हासिल किया। इसी तरह अमीन संतोष ने भी अपनी पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीद कर ज्यादा प्रतिकर प्राप्त किया था। जांच होने पर दोनों निलंबित किए गए थे।