मार्च के महीने में सोने में अब तक 1559 रुपये की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। फरवरी के अंतिम कारोबारी सत्र में सोना 46570 रुपये पर बंद हुआ था जो मार्च के पहले कारोबारी सत्र में 46111 पर खुलकर 135 रुपये की गिरावट के साथ 45976 पर बंद हुआ। इसके बाद इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह चांदी भी फरवरी के 68621 के मुकाबले मार्च में गिरावट के साथ 68473 पर खुलकर 7 रुपये की मामूली कमी के साथ 68466 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई, लेकिन इसमें गिरवट का दौर जारी रहा और मार्च के पहले कारोबारी सप्ताह में चांदी में 3345 रुपये की गिरावट दर्ज की गई।
खरीदारी का सुनहरा मौका
सोने-चांदी में आ रही ये लगातार गिरावट से जहां बाजार चिंतित है, वहीं ये सोने में निवेश करने वालों और खरीदारों के लिये सुनहरा मौका है। अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में शादी वाले घरों में सोने-चांदी और जेवरात की खरीदारी के लिये यह बेहतर मौका है। वहीं निवेश के लिहाज से भी इसे सही समय कहा जा रहा है, क्योंकि सोने में अब तक ऑल टाइम हाई रेट से करीब 12000 रुपये तक की कमी आ चुकी है। जेवराती सोने की कीमत बीते सात दिनों में 1818 रुपये तक घटी हैं। 22 कैरेट का जेवराती सोना 44077 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है।
क्यों गिर रहा है रेट
कोरोना संक्रमण काल में निवेशकों ने सोने में खूब निवेश किया जिसका असर ये हुआ कि सोना रिकाॅर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इसके बाद वैक्सीन आने के बाद इसमें लगातार नरमी बनी हुई है। फरवरी के महीने में सरकार ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में 2.5 प्रतिशत की कमी का ऐलान किया तो इससे भी सोना की कीमतों में और बड़ी गिरावट शुरू हुई। फरवरी में सोना 3000 रुपये सस्ता हो गया। इसके अलावा डाॅलर इंडेक्स में मजबूती से भी सोना कमजोर हुआ है। मुनाफा वसूली और शेयरों की ओर निवेशकों की वापसी ने भी सोने पर असर डाला है। इसके अलावा बिटक्वाइन जैसे निवेश के नए विकल्पों के आने से भी सोना फिसला है।