गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में उस समय रहे सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव और दो अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। अब सीबीआई इस मामले में पूछताछ की तैयारी में है। सीबीआई ने सरकार से जांच करने के आदेश मांगी है। इसलिए शासन ने निर्णय लेने के लिए सिंचाई विभाग से संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है।
गोमती रिवर फ्रंट में शिवपाल की क्या थी भूमिका ? सीबीआई इस मामले में जांच करेगी कि शिवपाल यादव की गोमती रिवर फ्रंट में भूमिका क्या थी। इसके अलावा ये भी पता लगाया जा रहा है कि प्रोजेक्ट में इंजीनियरों को एक्स्ट्रा चार्ज देने में उनकी क्या भूमिका थी। बिना टेंडर काम देने या गुपचुप ढंग से टेंडर की शर्तें बदले जाने में भी उनकी भूमिका की पड़ताल हो रही है। आखिर में सीबीआई जांच का फैसला लिया जाएगा।
30 नवंबर 2017 को सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए सपा सरकार ने 2014-15 में 1513 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। अखिलेश सरकार के कार्यकाल में ही 1437 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए थे। बजट के 90 फीसदी राशि जारी होने के बाद गोमती रिवर फ्रंट का 60 फीसदी काम नहीं हो पाया था।
2017 में योगी सरकार आने के बाद गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच शुरू की गई थी। प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। 30 नवंबर 2017 को सीबीआई ने पहली एफआईआर दर्ज की गई थी।