मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां लोक भवन में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर दिए। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ गरीब, जरूरतमंद और हुनरमंद को प्रत्येक दशा में दिलाए जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक स्वावलम्बन और स्वरोजगार की दिशा में लोग आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद-एक उत्पाद मार्जिन मनी योजना के साथ-साथ विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, ओडीओपी कौशल उन्नयन एवं टूल किट योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को आच्छादित कराया जाए। उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना, हस्तशिल्पियों के कौशल विकास प्रशिक्षण योजना, विशिष्ट हस्तशिल्प पेंशन योजना से कारीगरों तथा हस्तशिल्पियों के उत्थान की कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के अवस्थापना विकास सम्बन्धी कार्यों में भी तेजी लायी जाए। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों का आधुनिकीकरण सुनिश्चित हो।
सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन सचिव श्री भुवनेश कुमार ने मुख्यमंत्री जी को विभागीय कार्यों, उपलब्धियों और लक्ष्यों से अवगत कराते हुए बताया कि निर्यात प्रोत्साहन से सम्बन्धित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।