सभी ने ठोंका जीत का दावा इस सीट से सभी राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेताओं ने जीत का दावा ठोका है। सपा-बसपा गठबंधन के सहारे जीत की उम्मीद बांधे है तो कांग्रेस भी अपने आपको यहां किसी से कम नहीं आंक रही है। कांग्रेस को ब्राम्हण वोटों पर भरोसा है और इन्हीं के सहारे यहां जीत का दम भर रही है। वहीं बाहुबली अतीक अहमद के बेटे उमर ने भी यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं बीजेपी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। उसे पूरा भरोसा है कि यहां के मतदाता ये सीट दोबारा बीजेपी की झोली में ही डालेंगे। हालांकि कुल मिलाकर फूलपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और सपा-बसपा की साख, अस्तित्व और भविष्य दांव पर लगा है।
मतगणना की तैयारियां पूरी चुनाव आयोग के प्रदेश मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों सीटों पर मतगणना सीसीटीवी की निगरानी में कराई जा रही है। मतगणना के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक सारे आलाधिकारी मतगणना स्थल के संपर्क में रहेंगे औऱ वहां मौजूद अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी देते रहेंगे। आयोग के सूत्रों के मुताबिक 10 बजे तक शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे।
अखिलेश ने ठोंका जीत का दावा वहीं
अखिलेश यादव ने चुनाव नतीजों को लेकर कहा कि इतिहास बदलने का समय है और नया इतिहास बनाने का भी। चुनाव के नतीज़े देश-प्रदेश के भविष्य के लिए क्रांतिकारी और निर्णायक साबित होंगे। अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने वादाखिलाफी की। उन्होंने उपचुनाव को देश का सबसे निर्णायक चुनाव होने की बात भी कही।
केशव प्रसाद मौर्य थे सांसद आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 2014 का फूलपुर लोकसभा चुनाव जीता था। केशव प्रसाद मौर्य मोदी लहर में यहां से सांसद बने थे। लेकिन इस बार मुकाबला तगड़ा है। सभी पार्टियों ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। 11 मार्च को हुए उपचुनाव में फूलपुर में कुल 37.39 फीसदी वोट पड़े थे। पहले के मुताबिक इस बार यहां मतदान प्रतिशत कम रहा। ऐसे में ये बात सभी राजनीतिक पार्टियों की छोड़ी टेंशन बढ़ाने वाली है।
गोरखपुर का हाल जानकार गोरखपुर को बीजेपी की सेफ सीट मान रहे हैं। 1989 से ये सीट लगातार बीजेपी के पास है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पांच बार से लगातार सांसद रहे हैं। लेकिन यूपी का सीएम बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद यहां 11 मार्च हुए उपचुनाव में 43 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं बीजेपी से गोरखपुर सीट छीनने के लिए यहां सपा-बसपा एक साथ लड़े हैं। हालांकि लोग फिर भी यहां से बीजेपी की जीत तय मान रहे हैं। गोरखपुर से इस बार उपेंद्र शुक्ला बीजेपी उम्मीदवार थे। जिनके खिलाफ सपा कैंडीडेट प्रवीण निषाद को बीएसपी ने समर्थन दिया है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि यहां से सपा-बसपा मिलकर बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचा पाते हैं। सपा प्रवक्ता द्वारा लखनऊ में जारी बयान के मुताबिक पार्टी दोनों सीटों पर जीत दर्ज करेगी। दोनों सीटों से सपा-बसपा के गठजोड़ को भारी समर्थन मिला है।