चुनाव के मतों का औपचारिक ऐलान भले ही 20 जुलाई को होना है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में राम नाथ कोविंद को एक तरह से भावी राष्ट्रपति के तौर पर अभी से स्वीकार कर लिए जाने जैसा माहौल दिखाई दिया।
लखनऊ. दिन सोमवार। समय दोपहर दो बजे। स्थान भाजपा का प्रदेश मुख्यालय। यहाँ का नजारा बहुत कुछ आम दिनों जैसा ही था लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय बदला हुआ था। भाजपा मुख्यालय में चर्चा और हलचल दोनों ही विधानसभा के तिलक हाल में चल रहे मतदान को लेकर हो रही थी। पार्टी दफ्तर के सामने स्थित विधान सभा में प्रदेश भर के विधायक लाइन में लगकर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी
रामनाथ कोविंद को वोट डाल रहे थे तो दूसरी ओर पार्टी दफ्तर में मतदान प्रक्रिया पर चर्चा चल रही थी। इस चर्चा के दौरान बहुत सारे कार्यकर्ता और नेता अभी से
रामनाथ कोविंद के नाम को राष्ट्रपति के तौर पर सम्बोधित करते दिखाई दिए।
चुनाव के मतों का औपचारिक ऐलान भले ही 20 जुलाई को होना है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में राम नाथ कोविंद को एक तरह से भावी राष्ट्रपति के तौर पर अभी से स्वीकार कर लिए जाने जैसा माहौल दिखाई दिया। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आये पार्टी के विधायक वोट डालने के बाद या पहले प्रदेश मुख्यालय में पदाधिकारियों से मुलाक़ात करने पहुंचे। इस दौरान विधान सभा के भीतर की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। उन विधायकों में खासा उत्साह दिखा जो पहली बार विधायक बने हैं।
ऐसे विधायक भी राम नाथ कोविंद को वोट देने के बाद बेहद उत्साहित दिखे जो प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित हैं। ज्यादातर विधायकों और सांसदों ने राष्ट्रपति पद के लिए मतदान को मिशन मोदी की तरह लिया और एक विशेष आयोजन की तरह इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। इस मतदान प्रक्रिया को लेकर भाजपा मुख्यालय में बैठे पदाधिकारी भी गतिविधियों पर नजर बनाये थे। हालाँकि चुनाव में मतदान के अंतर के कारण चर्चा और बहस के दौरान भी जीत-हार को लेकर उनके चेहरे पर आश्वस्ति के भाव दिखाई दिए।