राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि आंगनबाड़ी केन्द्रों को संसाधनों से सुसज्जित कर दिया जाए तो वहां पर आने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा, संस्कार व कुपोषण मुक्त किया जा सकता है। कुपोषण जैसी समस्या के समाधान के लिए ही देश में बड़े स्तर पर आंगनवाडी केन्द्रों और प्रधानमंत्री पोषण योजना कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करें तथा आंगनबाड़ी केन्द्र में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, पीने का शुद्ध पानी, स्वच्छता, अच्छी शिक्षा आदि पर विशेष दें।
राज्यपाल ने कहा कि आज सरकार हर ग्राम में महीने में एक बार ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवसों का आयोजन कर रही है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की खून, पेशाब, ब्लड प्रेशर की जांच होती है। आयरन, कैल्शियम तथा आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आज सरकार हर ग्राम में महीने में एक बार ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवसों का आयोजन कर रही है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की खून, पेशाब, ब्लड प्रेशर की जांच होती है। आयरन, कैल्शियम तथा आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।
इन सरकारी सेवाओं का लोग अधिक से अधिक लाभ उठाएं और जागरूकता फैलाएं। इस कार्य में ग्राम प्रधान तथा गांव के सम्भ्रांत व्यक्तियों का भी सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को चाहिए कि वे अपनी ग्राम सभा में सरकार द्वारा चलाये जा रहे जन कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का शत्-प्रतिशत लाभ अपनी गरीब जनता को दिलायें। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं की ओर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जो किन्ही परिस्थितियों में विकास की मुख्य धारा से वंचित रही हैं।
महाविद्यालय लोकार्पण पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत ही अल्प समय में विश्वविद्यालय ने संघटक महाविद्यालय को आरम्भ कर विद्यार्थियों के लिये शिक्षा के नए आयाम स्थापित किये हैं। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालय के आरम्भ होने से विद्यार्थियों विशेषकर लड़कियों को शिक्षा का संबल मिलेगा। अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से उनका विकास होगा और उनका भविष्य उज्जवल होगा। एक बालक के पढ़ने से एक घर रोशन होता है परन्तु एक बालिका के शिक्षित होने से पीढ़ी को लाभ मिलता है।
कुलाधिपति ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति तथा उपलब्धियाँ उस देश के नागरिकों के शैक्षिक स्तर, शिक्षा एवं शोध की गुणवत्ता, स्वच्छता तथा सामाजिक उन्नति से आंकी जाती है। हमारे विश्वविद्यालयों को वैश्विक पहचान बनाने की दिशा में प्रयास बढ़ाने होंगे। साथ ही हमारी शैक्षिक संस्थाओं का लक्ष्य बेहतर अकाद्मिक वातावरण के निर्माण के माध्यम से निरंतर स्वाध्यायरत, कार्यकुशल व श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों को आत्मसात करने वाले विद्यार्थियों व सजग नागरिकों का निर्माण होना चाहिए।