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सरकारी पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट से जा सकती थी महिला की जान

locationलखनऊPublished: Oct 05, 2017 08:37:25 pm

Submitted by:

Dhirendra Singh

सरकार पैथोलॉजी में ब्लड ग्रुप जांचने में लापरवाही बच्चे और मां की जान पर बना खतरा।

blood sampling

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फर्रुखाबाद. राममनोहर लोहिया महिला अस्पताल में पैथोलॉजी लैब की लापरवाही से एक महिला की जान पर बन आई। कन्नौज जिले की रहने वाली महिला स्वाति पत्नी अवनीश ने प्रसव कराने के लिए 11 जुलाई 2017 को चेकप कराने लिए आई थी। पर्चा बनवाने के बाद उन्होंने डॉक्टर को दिखाया, लेकिन डॉक्टर ने उनसे कहा कि अभी दो तीन दिन लगेंगे। तो स्वाति अपने नन्दोई वीरेंद्र कटियार निबासी चांदपुर चली गई
सरकार पैथोलॉजी में घोर लापरवाही

20 तारीख को प्रसव पीड़ा अधिक होने पर उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टरों ने स्वाति के शरीर में खून की कमी होने की बात कही, इसके बाद दो यूनिट खून चढाने की जरूरत बताई। साथ ही कहा इसके बाद ही ऑपरेशन किया जा सकता है। फिर स्वाति का ब्लड सैम्पल लिया गया। उसकी जांच की गई जिसमें सरकारी पैथोलॉजी लैब कर्मचारी ने उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजीटिव की रिपोर्ट दी। काफी कोशिश के बाद जब ए पॉजीटिव खून नही मिला, तो वह स्वाति को लेकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर ब्लड की जांच की गई तो स्वाति का ब्लड ग्रुप ओ पॉजीटिव निकला तो परिजनों ने उनसे झगड़ा करना शुरू कर दिया और कहा कि इसका ब्लड ग्रुप ए पॉजीटिव है, जो लोहिया महिला अस्पताल में बताया गया था। तब प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर भी दुविधा में पड़ गए। फिर उन्होंने स्वाति के ब्लड की तीन बार जांच कराई। लेकिन हर बार ओ पॉजीटिव ही निकला। फिर उन्होंने इलाज शुरू कर जच्चा बच्चा दोनों की जान बचाई।
सरकारी पैथोलॉजी के खिलाफ केस

स्वाति नंददोई वीरेंद्र का कहना है कि यदि ए पॉजीटिव खून मिल जाता तो जच्चा बच्चा दोनों की जान का खतरा हो जाता। इस बात की जानकारी करने के बाद स्वाति के पति अवनीश ने शहर कोतवाली में सरकारी पैथोलॉजी लैब की खिलाफ गलत रिपोर्ट देने के मामले में तहरीर दी है। उसके बाद उन्होंने सीएमओ डीएम सभी अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिए है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
जब सीएमओ यूके पांडेय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी मुझे मिल चुकी है। लैब में जब ब्लड सैम्पल पहुंचा होगा तो वह बदल गया होगा। लेकिन जब ब्लड बैंक से रक्त दिया जाता है, तो उसकी दोबारा जांच की जाती है। फिर भी इसकी जांच कराई जा रही है, यदि दोषी पाए जाते है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
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