
जल्द ही डीजल बसों के संचालन पर रोक लगने वाली है
National Clean Air Mission:बढ़ रहे प्रदूषण से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। दरअसल, उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहन भी हैं। खासतौर पर डीजल बसों से सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण हो रहा है। प्रदूषण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार ‘नेशनल क्लीन एयर मिशन’ के तहत तमाम कदम उठा रही है। इसी को देखते हुए केंद्र के निर्देश पर पीसीबी ने सरकार को प्रदेश के प्रमुख शहरों में डीजल बसें बंद करने के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए नगर निकाय स्तर पर ई-बसें चलाने का प्रस्ताव भेजा है। सरकार की मंजूरी मिलते ही राज्य में सड़कों पर दौड़ रही डीजल बसों के पहिए थम जाएंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते के मुताबिक उत्तराखंड के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण की मुख्य वजह डीजल बसें ही हैं, वो भी पुरानी और खटारा हैं। ‘क्लीन एयर मिशन’ के तहत प्रमुख शहरों में प्रदूषण कम करने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य में भी डीजल की सभी बसें बंद करके उन्नत ई-बसें चलाने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रस्ताव मिलने के बाद सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत पहले चरण में देहरादून शहर में डीजल की बसें बंद कराकर ई-बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की और हल्द्वानी सहित तमाम शहरों में डीजल की बसें और अन्य सार्वजनिक वाहन बंद किए जाएंगे।जल्द ही सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी होने की संभावना है।
उत्तराखंड को डीजल वाहन बंद करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत करना पड़ेगा। इसके लिए पीएम ई-बस योजना में केंद्र से सब्सिडी पर राज्यों को ई-बसें मिलनी हैं। इसके तहत उत्तराखंड को भी करीब 150 बसें मिलने की संभावना है। वह ई बसें नगर निकायों के माध्यम से शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए चलाई जाएंगी। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। ई बसें मिलते ही डीजल संचालित बसें रूट से हट जाएंगी।
Published on:
12 Oct 2024 07:48 am
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