1.लखनऊ- बटलर पैलेस क्षेत्रफल 58 बीघा, कंकड़ कोठी हजरतगंज और मकबरा साहब हजरतगंज।
2.लखीमपुर खीरी- पुलिस अधीक्षक आवास भूमि गाटा संख्या-1324 व 1326 ।
3.सीतापुर- मोहल्ला सिविल लाइन्स कालोनी, प्रेमनगर कालोनी, बैजनाथ कालोनी, डीएम, एसपी और सीएमओ आवास के साथ ही तहसील बिसवां व महमूदाबाद में भूमि, तालाब, इमारतें आदि।
4.बाराबंकी- गाटा संख्या-2606/1 रकबा 4 बीघा से अधिक, गाटा-2606/2 रकबा 8 विस्वा से अधिक, गाटा-2607 रकबा 15 विस्वा से अधिक, गाटा-2609 रकबा 5 बीघा से अधिक, गाटा-2610 रकबा 3 बीघा 17 विस्वा।
1947 में देश के बंटवारे, 1962 में चीन, 1965 और 1971 पाकिस्तान के खिलाफ हुई जंगों के दौरान या उसके बाद भारत छोडकऱ पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है और उनकी संपत्तियों का शत्रु संपत्ति। भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत शत्रु संपत्ति को कस्टोडियन में रखने की सुविधा प्रदान की गई। शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 की धारा 8-ए की उपधारा-1 के अनुसार शत्रु संपत्ति का मतलब उस संपत्ति से है, जिसका मालिकाना हक या प्रबंधन ऐसे लोगों के पास था, जो बंटवारे के समय देश को छोड़कर यानी भारत से चले गए थे।