दरअसल उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। हर साल ऐसे प्रस्ताव आते रहते हैं कि यातायात निदेशालय की तरफ से डीजीपी मुख्यालय भेजे जाने वाले ऐसे प्रस्तावों पर जनशक्ति की कमी के कारण फैसले नहीं हो पाते हैं। पुलिस में नई भर्तियों के बाद अब 5000 पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक कार्य में लगाने पर सहमति बनी है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी और बढ़ गई है। कहीं-कहीं उन्हें मास्क की चेकिंग और कोरोना संबंधी सरकार के अन्य दिशा-निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी भी दे दी जा रही है। वे कोरोना जांच के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। ट्रैफिक सिगनल तोड़ने तथा हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने जैसे मामलों में कार्रवाई की जिम्मेदारी पहले से है। शहरों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की भूमिका दिनों-दिन लगातार बढ़ती ही जा रही है।