राज्यपाल ने बताया कि जन्म के बाद बच्चों को कैसे रखें और उसका खान-पान कैसा हो। छोटा बच्चा घर में माता-पिता की बातचीत, व्यवहार तथा उसके साथ हो रहे व्यवहार को बहुत नोटिस करता है, जो उसके जीवन व्यवहार में ढलता है। बच्चों को आदर्श कहानी, उत्तम चरित्र की कथाएं बताएं तथा प्रेरणादायी पुस्तक घर में रखें। 21वीं सदी के बच्चे बहुत पावरफुल व संवेदनशील हैं। बच्चों में मोबाइल की आदत नहीं डालें। माताएं अपने काम की व्यस्तता में भी बच्चों को मोबाइल देकर नहीं उलझाए। इसका गलत असर पड़ता है।
बच्चों के खानपान में तला-भुना जैसा खाद्यान्न से परहेज करें। पौष्टिक व सुपाच्य भोजन की आदत डालें। माताएं बच्चों की तबीयत खराब होने पर अस्पताल व डॉक्टर को दिखाएं।
किसी जादू-टोना, झाड़-फूंक, गंडा ताबीज जैसे अंधविश्वास में न आएं। बाल विवाह, दहेज प्रथा बड़ी सामाजिक कुरीति है। इसका सरकार द्वारा भी पूरा निषेध किया गया है। शिक्षित महिलाएं इसमें संकल्प के साथ आगे बढ़ कर जागरूकता के साथ इसे हटाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसी सामाजिक कुरीति को हटाने पर पहले विरोध होता है, फिर पूरा समाज उसे ठीक मानकर उसे अच्छा कहने लगता है। आनंदीबेन ने अपने पारिवारिक जीवन में भी उनके द्वारा बाल विवाह का विरोध करने का दृष्टांत भी सुनाया।
किसी जादू-टोना, झाड़-फूंक, गंडा ताबीज जैसे अंधविश्वास में न आएं। बाल विवाह, दहेज प्रथा बड़ी सामाजिक कुरीति है। इसका सरकार द्वारा भी पूरा निषेध किया गया है। शिक्षित महिलाएं इसमें संकल्प के साथ आगे बढ़ कर जागरूकता के साथ इसे हटाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसी सामाजिक कुरीति को हटाने पर पहले विरोध होता है, फिर पूरा समाज उसे ठीक मानकर उसे अच्छा कहने लगता है। आनंदीबेन ने अपने पारिवारिक जीवन में भी उनके द्वारा बाल विवाह का विरोध करने का दृष्टांत भी सुनाया।
राज्यपाल ने बताया कि वह कानपुर व लखनऊ विश्विद्यालय में गर्भ संस्कार का आयोजन करा रही हैं। स्वस्थ माता, स्वस्थ बच्चे, संस्कारित शिक्षा, शिक्षित नारी पूरे घर परिवार को अच्छे से गढ़ सकती है। इसके लिए स्वयं प्रशिक्षित हों और दूसरों को जागरूक करें। सभी विभाग मिलकर बाल विकास एवं महिला कल्याण के कार्यों के लिए समन्वित रूप से कार्य करें। इससे आदर्श समाज का निर्माण होगा। देश सुख-समृद्धि से बढ़ेगा। अच्छा सोचे अच्छा करें। अच्छा रास्ता कोई एक शुरू करता है बाद में सब उस पर चलते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी होगा। इसमें काशी के आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल विकास व महिला कल्याण के चमत्कारी अच्छे परिणाम दिखेंगे।