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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा जीवन में सफलता की सीढ़ी कठिन श्रम से ही मिलती है

locationलखनऊPublished: Jan 24, 2022 07:45:59 pm

Submitted by:

Dinesh Mishra

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से जननायक विश्वविद्यालय, बलिया के तृतीय दीक्षांत समारोह का वर्चुअल शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता की सीढ़ी कठिन श्रम से निर्मित होती है।

Governor of Uttar Pradesh Anandi Ben Patel

Governor of Uttar Pradesh Anandi Ben Patel

आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से जननायक विश्वविद्यालय, बलिया के तृतीय दीक्षांत समारोह का वर्चुअल शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता की सीढ़ी कठिन श्रम से निर्मित होती है। कर्मक्षेत्र कोई भी हो सकता है, सफलता के लिए निरंतर परिश्रम करना होगा। गुरुजनों से प्राप्त ज्ञान कर्मक्षेत्र में पथ प्रदर्शक का काम करता है। बतौर कुलाधिपति समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को निरंतर सीखते रहने, जीवन में लक्ष्य निर्धारण करने और निरंतर शोध करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जितना ही आप शोध करेंगे उतना ही प्रगति के मार्ग खुलेंगे।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में युवाओं को आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार की ओर ले जाने वाले कौशल विकास से युक्त पाठ्यक्रमों का विस्तार किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि यह स्थानीय सिन्होरा एवं काष्ट शिल्प तथा कृत्रिम आभूषण निर्माण को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर कार्य कर रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर युवा स्वरोजगार खड़ा कर सकते हैं।

अपने सम्बोधन के दौरान राज्यपाल ने गांवों के विकास से जुड़े विषयों को भी उठाया और कहा कि विश्वविद्यालय सरकारी योजनाओं को गांवों के हर व्यक्ति तक उपलब्धता के लिए भी पहल करें। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा का महत्वपूर्ण बताते हुए उनके स्वास्थ्य को भी आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जिन गांवों को गोद लिया गया है वहां यह विशेष ध्यान दिया जाए कि एक भी बच्चा क्षय रोग से ग्रस्त न हो। कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखकर उन्हें स्वस्थ जीवन से जोड़ने के लिए कार्य किया जाये।
राज्यपाल ने समारोह में 23 जनवरी, 2022 को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर नमन कर सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि यह अति विशिष्ट अवसर है। विश्वविद्यालयों में उनकी स्मृति में 125वीं जंयती को पूरे साल समारोह पूर्वक आयोजित किया जाना चाहिए।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के “सुखेत मॉडल” की विशेष चर्चा की और कहा कि “सुखेत मॉडल” के द्वारा कृषि अवशेषों के प्रयोग से कई ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरक हैं।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर रहे डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर बिहार के कुलपति एवं वैज्ञानिक प्रो0 रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया की तीन वर्ष में हुई प्रगति की सराहना की और शोध कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बलिया में स्थापित इस विश्वविद्यालय को स्थानीय समस्याओं का समाधान देने वाली शिक्षा को बढ़ावा देने पर विचार अवश्य करना चाहिए।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 कल्पलता पाण्डेय ने समारोह में विश्वविद्यालय की तीन वर्षीय प्रगति तथा आगामी लक्ष्यों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने राज्यपाल जी की ओर से समारोह में 50 छोटे बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, उपयोगी वस्तुएं एवं बैग भेंट किए। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत समारोह में प्रत्यक्ष रूप से 5 बच्चों को ही बुलाया गया।

दीक्षांत समारोह में स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को उपाधि, मेडल प्रदान करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय की स्मारिका “सृजन” समाचार पत्रिका “अन्वीक्षण” तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के द्वारा रचित एवं सम्पादित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
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