राज्यपाल ने उद्घाटन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फोटोग्राफी संचार का एक सशक्त माध्यम है। अक्सर लोग कहते हैं कि जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। यह बात छाया चित्रकार के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है। फोटोग्राफी में सही क्षण पकड़ना ही फोटोग्राफर का कमाल है। जो हजार शब्दों में नहीं कहा जा सकता, वह एक फोटो कह सकती है। उन्होंने कहा कि छाया चित्र में शब्दों से ज्यादा शक्ति होती है।
राम नाईक ने कहा कि आज का युग डिजिटल और टेक्नोलाॅजी का युग है। वर्ष 2018 के एक सर्वेक्षण के अनुसार 74 करोड़ लोग मोेबाइल फोन का प्रयोग करते हैं। विश्व में जितने लोग मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं, उसमें ज्यादातर लोग फोटो खींचते हैं। आज के दौर में सेल्फी का भी अपना एक आनन्द है पर कभी-कभी यह परेशानी का सबब भी बनता है। उन्होंने दृश्य प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि नये फोटोग्राफरों को प्रदर्शनी के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
राज्यपाल ने कहा कि देश में लोक सभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। संविधान ने भारत के सभी 18 वर्ष के नागरिक को मतदान का अधिकार दिया है। मतदान के अधिकार का प्रयोग करते हुए सभी मतदाता मतदान अवश्य करें। चुनाव मतदाता के मतदान की भागीदारी से ही सम्पन्न होते हैं। ऐसे समय में मतदान सर्वश्रेष्ठ दान है। मतदान सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है।