राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ी आबादी वाला प्रदेश है, ऐसे में ब्लड बैंक की आवश्यकता के दृष्टिगत उच्च शिक्षण संस्थानों के 18 वर्ष से ऊपर के विद्यार्थियों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सकता है। राज्यपाल जी ने रक्तदान के साथ-साथ मृत्योपरांत अंगदान और शरीरदान को भी सामाजिक तौर पर सहज स्वीकार्य बनाने और जनहित में इसे बढ़ावा देने को कहा।समारोह में के.जी.एम.यू. ब्लड बैंक की प्रभारी डा. तूलिका चंद्रा ने बताया कि रक्तदान करने से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती, न ही कोई नुकसान होता है। डर, संकोच और झिझक के कारण ही अधिकांश लोग रक्तदान करने से बचते हैं। लेकिन ये सब भ्रामक हैं। उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति एक बार रक्तदान करने के तीन माह उपरान्त पुनः रक्तदान कर सकता है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी लखनऊ, अभिषेक प्रकाश ने रक्तदान शिविर के शुभारम्भ के लिए राज्यपाल जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज शिक्षक दिवस है और राज्यपाल महोदया भी पूर्व में शिक्षक रही हैं, इसलिए उनकी प्रेरणा से ही इस शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने राज्यपाल द्वारा दिए गए सुझावों को शीघ्र अमल में लाने और रक्तदान शिविर के आयोजन को बढ़ावा देने के लिए कहा। समारोह में राज्यपाल ने रक्तदान शिविर के सफल आयोजन के लिए स्वैच्छिक रक्तदाताओं को प्रेरित कर रक्तदान कराने एवं अधिक से अधिक रक्तदान करने वाले वालटियर्स को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने शिविर में रक्तदान करने वाले सभी रक्तदाताओं को शुभ कार्य में सहयोग देने के लिए बधाई दी।