राज्यपाल ने कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं के पौष्टिक आहार के लिये 5 हजार रूपये की धनराशि उपलब्ध कराती है, उसका सदुपयोग होना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बताया की जब मां कुपोषण मुक्त होगी तभी स्वस्थ एवं कुपोषण मुक्त बच्चे पैदा होंगे। इसलिये पौष्टिक आहार एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि हम सभी का यह कर्तव्य है कि यदि कही पर कुपोषित या टी.बी. रोग से ग्रसित बच्चा दिखाई दे, उसकी देखभाल की नैतिक जिम्मेदारी स्वयं ले। बच्चों के परिवार वालो को उचित देखभाल एवं कुपोषण रोकने के उपायों की जानकारी दें तथा स्वयं उसकी देखभाल भी करें और पोषण सामग्री उपलब्ध करायें तभी हम कुपोषण एवं क्षय रोग मुक्त समाज का निर्माण कर सकेगें।
उन्होंने जनमानस से अपील की कि वे अपने बच्चों के जन्मदिन या अपनी शादी की वर्षगांठ आंगनबाड़ी केन्द्रो पर मनाये ऐसा करने से आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का उत्साह बढ़ेगा तथा उनमें भी आत्मविश्वास पैदा होगा।राज्यपाल जी ने अपने हाथों से कार्तिकेय व बेबी आदि बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्रासन संस्कार किया तथा फल एवं मिठाई भी दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने पंचायत भवन के प्रांगण में वट वृक्ष का पौधा रोपण भी किया।