scriptवृक्ष हमारी धरती के आभूषण हैं: आनंदीबेन पटेल | Governor planted trees in Kukrail range picnic spot | Patrika News

वृक्ष हमारी धरती के आभूषण हैं: आनंदीबेन पटेल

locationलखनऊPublished: Jul 05, 2022 09:29:53 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से पूरे भारत में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर जगह-जगह जल संरक्षण की दृष्टि से अमृत तालाब बनाये जा रहे हैं और जल बचाने की मुहिम के साथ-साथ सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए कई प्रभावी योजनाएं संचालित की गयी हैं।

वृक्ष हमारी धरती के आभूषण हैं: आनंदीबेन पटेल

वृक्ष हमारी धरती के आभूषण हैं: आनंदीबेन पटेल

वन महोत्सव पर्व प्रकृति के उपकारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पुनीत अवसर है। प्राकृतिक संसाधनों को समृद्धि करने एवं भावी पीढ़ी को संतुलित पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अपरिहार्य है। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज कुकरैल पिकनिक स्पॉट में आयोजित वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2022 कार्यक्रम में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि वन महोत्सव के अवसर पर आज पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 25 करोड़ पौधे रोपित किये जा रहे हैं जबकि प्रदेश सरकार के इस महाभियान में 35 करोड़ वृक्षारोपण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। यदि हमें एक अच्छा और निरोगी जीवन चाहिए तो हमें वृक्षारोपण के साथ-साथ अपने बच्चों की तरह ही इन पेड़-पौधों की देखभाल एवं पालन पोषण करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि वृक्ष हमारी धरती के आभूषण हैं, इनका रोपण धरती के प्रति हमारा समर्पण है। उन्होंने बताया कि बढ़ती हुई जलवायु परिवर्तन में पौधों का रोपण अत्यन्त महत्वपूर्ण है इसकी महत्ता को बच्चों एवं जनमानस में प्रसार के लिए पंचतंत्र कहानियों का प्रयोग वन परिसरों में किये जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से राजभवन में पंचतंत्र की कहानियों पर आधारित पंचतंत्र वाटिका स्थापित की गयी है। इस प्रकार की वाटिकाएं तथा नक्षत्र वन की स्थापना भी कुकरैल वन क्षेत्र में की जानी चाहिए।
उन्होंने जनसामान्य से आह्वान किया कि प्रत्येक नागरिक कम से कम ने केवल 5 पौधों का रोपण तो करें ही साथ ही उन पौधों की समुचित देखभाल भी करें, ताकि प्रदेश के वन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हो सके। इस कार्य में उन्होेंने बच्चों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों से वृक्षारोपण कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल बनाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की और कहा कि इस कार्य में प्रत्येक ग्राम प्रधान अपनी ग्राम सभा की रिक्त भूमि, विद्यालय परिसर तथा अन्य खाली पड़ी भूमि पर अवश्य पौधारोपण करें और इसकी सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम करे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज हम सब प्रकृति को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। कुदरत ने हमें जो दिया है उसे बचाना ही होगा। आज मानव ने आधुनिकता के वेग में धरती को प्रदूषित कर दिया। हमने महसूस किया है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कितनी आवश्यकता हमें हुई थी। जल से ही ऑक्सीजन बनती है और प्रकृति द्वारा दी गयी इस नियामत की हम कद्र करना भूल जाते है। राज्यपाल ने कहा कि यदि हम चिरायु होना चाहते है तो हमें वृक्षारोपण को अपने जीवन का अंग बनाना ही होगा। वृक्षों को नष्ट करने का अधिकार हमें कतई नहीं है। उन्होंने कहा कि आज मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि वनों को बचाने के लिए कलाकार मित्र भी आगे आ रहे हैं।
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