राम नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की थी। राम नाईक के पांच वर्ष का कार्यकाल 22 जुलाई, 2019 को पूरा होगा। कार्यवृत्त जारी करने की परम्परा का निर्वहन वे विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्री और सार्वजनिक जीवन में रहते हुए 1978 से कर रहे हैं।
राम नाईक जवाबदेही, पारदर्शिता और अपनी कार्यप्रणाली में परिमार्जन करने के उद्देश्य से जब 1978 में पहली बार विधायक बने तबसे लगातार अपना वार्षिक कार्यवृत्त प्रस्तुत करते रहे हैं। राम नाईक जब सांसद थे तब ‘लोक सभा में राम नाईक‘ तथा सांसद न रहने पर ‘लोक सेवा में राम नाईक‘ शीर्षक से अपना वार्षिक कार्यवृत्त जनता के समक्ष पेश किया करते थे, जो राजभवन आने पर भी निरन्तर जारी है।