राज्यपाल ने ओड़िसा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि 1936 में भाषा एवं संस्कृति के आधार पर बंगाल से अलग होकर उडी़सा को एक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। उडी़सा को प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर एवं उसकी उत्सवधर्मी संस्कृति विशेष बनाती है। एक अप्रैल को उड़ीसा स्थापना दिवस तथा 1 मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस का आयोजन होता था, पर वर्ष 1950 में उत्तर प्रदेश का स्थापना होने के बावजूद भी कोई सरकारी आयोजन नहीं होता था। स्थापना दिवस आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा हुई और अन्ततः वर्ष 2018 में 68 वर्ष के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन हुआ, जिसका मुझे बहुत समाधान है।
राम नाईक ने कहा कि हमारा देश अति विशाल एवं समृद्ध संस्कृति वाला है परन्तु अनेकता में एकता इसके मूल में समाहित है। अपनी विविधता के लिए भारत पूरे विश्व में विख्यात है। जैसे बगीचे में फूलों के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं और इकट्ठा होकर एक माला का रूप लेते हैं उसी प्रकार सभी प्रदेश मिलकर भारत माता की आकृति का रूप लेते हैं और हम सब उसी भारत माता के सपूत हैं। विभिन्न भाषा और संस्कृति के बावजूद सभी भाषाओं में एकरूपता दिखाई पड़ती है क्यांेकि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। उन्होंने कहा कि भाषा और वेष अलग-अलग हो सकते हैं पर हम सब की संस्कृति की मूल धारणा एक है।
राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह स्थापना दिवस एक पर्व होता है ठीक उसी प्रकार लोकतंत्र के महापर्व ‘लोकसभा चुनाव’ की शुरूआत हो गयी है। 18 वर्ष के सभी भारतीय नागरिकों को संविधान ने मतदान का अधिकार दिया है। जनतंत्र के निर्माता हैं मतदाता, संविधान के अधिकार का प्रयोग करके सरकार के गठन में सहयोग करें। मतदान किसको करना है यह मतदाता का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि लोकसभा 2019 के चुनाव में सबसे अधिक मत प्रतिशत वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, वार्ड एवं मतदान केन्द्र तथा सर्वाधित मत प्रतिशत वाले केन्द्र से जुड़े लोगों का राजभवन में सत्कार किया जायेगा।