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लखनऊ

संस्कृति और संस्कारों की प्रासंगिकता को बनाये रखना आवश्यक – राज्यपाल

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6 years ago
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लखनऊ , उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भारतीय संस्कृति उत्सव का दीप प्रज्जवलित करके उद्घाटन किया।

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इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, महापौर डाॅ0 संयुक्ता भाटिया, भारती विद्या मंदिर के प्रो0 विट्ठल दास मूधडा, प्रो0 अरूणेश निरन, कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डाॅ0 शैलेंद्र मणि त्रिपाठी व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर वाई0 शंकरामूर्ति, डाॅ0 ऋचा मिश्रा, डाॅ0 अनिल त्रिपाठी, प्रो0 विट्ठल दास, हेमा बिन्दु सहित अन्य लोगों को सम्मानित किया।

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राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति की विशेषता पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीनतम संस्कृति है। भारतीय संस्कृति का संदेश श्रीमद्भगवद्गीता से प्राप्त होता है। गीता का प्रत्येक श्लोक जीवन का सिद्धांत बताता हैं। हमें अपनी संस्कृति के साथ-साथ संस्कार का भी ध्यान रखना चाहिए। व्यवहार से संस्कृति की महानता समझ में आती है। संस्कृति को बनाने में बुद्धजीवियों, साहित्यकारों और कलाकारों का योगदान होता है।

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