राज्यपाल ने रक्षासूत्र बंधवाने के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘इतनी राखियां बंधी कि कलाई छोटी पड़ गई।’’ उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहनों के लिए प्यार और पारस्परिक संपर्क बढ़ाने का पर्व है। हमें अपनी आधी आबादी को आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए। देश में महिलाओं का चित्र बदल रहा है। पूर्व में केवल शिक्षिका या नर्स की नौकरी करने वाली महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। गत वर्ष के दीक्षान्त समारोह में 51 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं को मिली हैं तथा 66 प्रतिशत स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक बेटियां ने प्राप्त किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘सबको शिक्षा अभियान‘ तथा वर्तमान प्रधान मंत्री मोदी की योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का परिणाम साफ दिख रहा है। इस बदलते चित्र के बावजूद महिलाओं के प्रति कुछ अप्रिय घटना देखने और सुनने को मिलती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा
बुक्कल नवाब ने कुछ यूं मनाया रक्षाबंधन बीजेपी एमएलसी बुक्कल नवाब रक्षाबंधन के मौके पर चर्चा में रहे। दरअसल उन्होंने अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन मनाया। उन्होंने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने गायों को राखी बांधकर रक्षा करने का संकल्प लिया। राजधानी स्थित कुड़िया घाट पर हुए इस कार्यक्रम में बुक्कल नवाब ने कहा कि गायों की रक्षा होनी चाहिए जिस तरह मुस्लिम लोगों पर आरोप लगते हैं ऐसे प्रोग्रामों से उनके ऊपर यह आरोप नहीं लगेंगे और गायों के प्रति मुस्लिम परिवारों का लगाव भी बढ़ेगा। उनके अनुसार हमारी सरकार गायों की रक्षा करने का लगातार प्रयास करती है उसी के तहत आज हमने मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाने का काम किया है जिससे एक मैसेज जा सके कि मुस्लिम लोग गायों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं।