राज्यपाल ने विशेषांक लोकार्पण को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुये प्रसन्नता व्यक्त की कि विशेषांक का लोकार्पण राजभवन में हो रहा है। आज योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्व को योग का विराट दर्शन हुआ है, जिसमें राजभवन भी सहभागी रहा है। भारत सहित विश्व के लगभग 200 देशों में योग दिवस मनाया गया है। योग विशेषांक का लोकार्पण वास्तव में उसी का एक सूक्ष्म दर्शन है जो विचार करने के लिये बाध्य करता है। योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है। उन्होंने कहा कि मन और शरीर के समन्वय से शांति मिलती है।
raam naik ने कहा कि हमें अपनी परम्परा और संस्कृति को पहचानने की जरूरत है। Prime Minister Narendra Modi ने जिस प्रकार योग को विश्व मंच पर रखा, वह सराहनीय है। भारत से जाकर लोगों ने योग की महत्ता पूरे विश्व में फैलायी। विशेषांक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे तभी कार्यक्रम की सार्थकता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्मरणात्मक पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ का अब तक 10 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
27 जून 2019 को मुंबई में ब्रेल लिपि हिन्दी, मराठी एवं अंग्रेजी में पुस्तक का लोकार्पण होगा। 30 जून 2019 को पुणे विश्वविद्यालय पुणे में पुस्तक के जर्मन तथा 6 जुलाई को असमिया भाषा संस्करण का राजभवन आसाम में लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा कि ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ के मर्म में ही सफलता निहित है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जयकृष्ण सिन्हा ने कहा कि योग विशेषांक पुस्तिका पाठकों के लिये बहुमूल्य है। भारत देश विश्व गुरू बन रहा है, आज उसकी झांकी देखी जा रही है। सम्पूर्ण विश्व योग से जुड़ गया है। आत्मा और परमात्मा तक पहुंचने का साधन है योग। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने का काम करता है।