राज्यपाल ने कहा कि विकास के लिये ऊर्जा आवश्यक है। ऊर्जा के सही प्रयोग और संरक्षण पर ही आने वाले कल का विकास टिका है। सभी का यह दायित्व है कि ऊर्जा के विभिन्न विकल्पों का सही प्रयोग करें और इसके संरक्षण के प्रति हर संभव प्रयास करें। देश की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था में पेट्रोलियम उत्पाद अत्यंत आवश्यक हैं। इनका अपव्यय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं इसलिये उनके प्रति जागरूकता और संरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर जनता को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाना चाहिए।
राम नाईक ने कहा कि जैसे पानी जीवन के लिये महत्वपूर्ण है उसी तरह पेट्रोल को भी बचाने की आवश्यकता है। छोटी-छोटी बातों का ख्याल करके पेट्रोलियम बचाया जा सकता है। पेट्रोलियम की दो बूंद बचाना विकास के लिये जरूरी है। जन प्रबोधन के लिये जागरूकता आवश्यक है, उसे दायित्व और कर्तव्य समझकर करें तभी देश के विकास की गति बढ़ेगी। बढ़ते हुये प्रदूषण को ध्यान में रखकर अन्य ऊर्जा के स्रोत पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ की बचत के लिये लोगों के सामने व्यवहारिक उपाय सुझाना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि अपने परिवार में आना सबको अच्छा लगता है। मैं भी एक समय में पेट्रोलियम मंत्री के नाते पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ा रहा हूँ। 30 दिन तक चलने वाला सक्षम महोत्सव वास्तव में पेट्रोलियम विभाग का कुम्भ महोत्सव जैसा आयोजन है। राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2004 में जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे तब देश में 70 प्रतिशत पेट्रोलियम आयात होता था जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता था।