इस दौरान राज्यपाल ने सीएम योगी से प्रदेश के तीन जिले लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इसे सलाह के तौर पर कहा और कहा कि देश के 71 शहरों में पीसीएस लागू है। ऐसे 19 महानगर और हैं जहां की आबादी 20 लाख से अधिक है। यहां पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होनी चाहिए। इनमें यूपी के तीन शहर है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए।
राज्यपाल ने इस मौके पर एडीजी अभय प्रसाद, डीआईजी राजेश पाण्डेय, रिटायर एएसपी राघवेन्द्र सिंह, रिटायर डिप्टी एसपी रमन पाल सिंह, एसआई राम बहादुर सिंह, एसआई रमाकान्त सिंह, रिटायर हेड कांस्टेबिल शान्ति स्वरूप, नरेश, सत्येन्द्र प्रकाश सिंह को वीरता पदक से सम्मानित किया।
कुम्भ मेला सरकार को देगा नए आयाम राज्यपाल ने प्रदेश पुलिस के काम की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार हो रहा कुम्भ नए आयाम पैदा करेगा। इस बार यह कुम्भ इलाहाबाद में नहीं बल्कि प्रयागराज में हो रहा है। दुनिया भर में इस कुम्भ को लेकर चर्चा है और अनुमान है कि करीब 14 से 15 करोड़ लोग 15 जनवरी से चार मार्च तक चलने वाले इस कुम्भ में आयेंगे।
ज्यादा निवेश बताता है कि कानून व्यवस्था सुधरी राज्यपाल ने कहा कि कानून व्यवस्था ठीक है। यही वजह है कि प्रदेश में इतना ज्यादा निवेश हो रहा है। उनहोंने प्रदेश पुलिस की ओर से जारी किए आंकड़े भी बताये कि इससे साफ है अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। मीडिया भी संवेदनशील बनेरैतिक परेड के मौके पर राज्यपाल ने मीडिया को भी संवेदनशील बनने को कहा। उन्होंने नसीहत दी कि जब सरकार या पुलिस अच्छा काम करे तो उसे भी प्रमुखता से दिखाना चाहिए। साथ ही पुलिसकर्मियों को भी अच्छा आचरण करने की सीख दी।
इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी कानून व्यवस्था आनन्द कुमार, एडीजी चन्द्र प्रकाश, आईजी अमिताभ यश, सुजीत पाण्डेय, रमित शर्मा, डीआईजी राजेश पाण्डेय, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी सुलतानपुर अनुराग वत्स, एसपी मैनपुरी अजय शंकर राय, एसपी औरैया अरविन्द चतुर्वेदी, महेन्द्र यादव समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
परेड की तारीफ की राज्यपाल ने कमाण्डर नौंवी वाहिनी पीएसी के सेनानायक संजीव त्यागी और सह कमाण्डर एएसपी नार्थ अनूप सिंह की कमान में निकली परेड की सराहना की। साथ ही पुलिस लाइन के मैदान में पहली बार बनी दीवार का भी जिक्र किया। यह दीवार स्थायी तौर पर बनायी गई है जो परेड की भव्यता को और अधिक बढ़ा रही थी।