राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि बिजली सुधार व्यवस्था में बिजली चोरी रोकना एवं विद्युत बिल का बकाया एक महत्वपूर्ण चुनौती है। बिजली चोरी करने वालों से सख्ती से निपटें। लाइन लाॅस और बिजली चोरी विभाग के लिये कैंसर जैसा है, इसका कीमोथेरेपी जैसा इलाज करें। विद्युत व्यवस्था में जूनियर इंजीनियर्स सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं। उत्तर प्रदेश बदल रहा है। अपने योगदान से इसे सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का प्रयास करें। विद्युत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी चुनौती को दायित्व के रूप में स्वीकार करके अपनी योग्यता का प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि जीवन में निरन्तर चलते रहने में ही सफलता का मर्म निहित है।
नाईक ने कहा कि बड़े कार्य करने का ही जीवन में आनन्द है। उत्तर प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाना एक बड़ा काम है। विद्युत नियामक आयोग भवन का शिलान्यास उनके द्वारा 29 सितम्बर 2014 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की उपस्थिति में हुआ था तथा भवन का उद्घाटन 17 मई 2018 को उप राष्ट्रपति एम0 वेंकैया नायडु द्वारा किया गया था। सरकारी कार्य में ‘कास्ट ओवर रन’ और ‘टाइम ओवर रन’ से बचना चाहिए। प्रदेश के विकास की दृष्टि से समय पर कार्य पूरा हो, यही दिशा होनी चाहिए। जनहित और राष्ट्रहित को सामने रखते हुये विकास कार्यों में सहयोग दें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के तहत प्रत्येक घर को बिजली से जोड़ने में अपने गुरूत्तर दायित्व का निर्वहन करें।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में जितना औद्योगिक विकास होना चाहिए था अब तक उतना नहीं हो पाया है। उसके दो कारण हो सकते हैं कानून व्यवस्था और अबाधित विद्युत व्यवस्था की कमी।
प्रबंध निदेशक अर्पणा यू ने विभाग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करते हुये ऊर्जा क्षेत्र में अनेक सुधार किये गये हैं। नये सब स्टेशन निर्माण के साथ-साथ स्थापित विद्युत स्टेशनों की क्षमता में भी वृद्धि की गयी है। ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा खपत 17 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गयी है। शासन स्तर पर नई भर्ती एवं पदों को बढ़ाने के लिये कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से विचार कर रही है।