Governor ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पौष्टिक पोषाहार उपलब्ध कराया जाय। पौष्टिक आहार देने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच निश्चित रूप से होनी चाहिए कि इसमें भरपूर पौषक तत्व मौजूद हैं। बच्चों को प्रेरित करने के लिये दीवारों पर उनकी अवस्था के अनुसार सद्वाक्य लिखे जायं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों को बाहर से आकर्षक रंगों से रंगा होना चाहिए। अंदर की दीवारों पर नीचे की तरफ से 3 फीट तक काला रंग करना चाहिए ताकि बच्चे कुछ लिख या चित्र बना सकें। उन्होंने कहा कि 3 फीट से ऊपर दीवार पर अलग-अलग प्रकार की पेन्टिंग करानी चाहिए।
Anandiben Patel ने कहा कि चित्रों के माध्यम से बच्चे आसानी से व जल्दी सीखते हैं, इस दृष्टि से आंगनवाड़ी केन्द्रों की आन्तरिक व बाह्य दीवारों पर मानव शरीर का चित्र बनाया जाय तथा बाह्य व आंतरिक अंगों का विवरण भी लिखा जाय। बच्चों को पर्यावरण की जानकारी देने के लिये दीवारों पर पर्यावरण संबंधी पेंटिंग बनाई जाय। इसी प्रकार पक्षियों और शाकभाजी आदि के नाम भी लिखे जाय। प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए क्योंकि प्राथमिक शिक्षा सुदृढ़ होने पर ही माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा।
उन्होंने कहा कि हिन्दी-अंग्रेजी वर्णमाला के साथ गिनती के अंकों को भी दर्शाया जाय। बच्चों की जानकारी हेतु उनके परिवार से संबंधित ‘परिवार वृक्ष’ भी दीवार पर बनाया जाय, जिसमें उनके माता-पिता के साथ ही दादा, दादी, नाना, नानी आदि सभी को दर्शाया जाय। उन्होंने कहा कि एक निश्चित तिथि पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया जाय। इस प्रवेश उत्सव के अवसर पर गांव के सभी लोग, जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी सम्मिलित हों।
Anandiben Patel ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा जाय और पौष्टिक आहार के साथ-साथ उन्हें अच्छी कहानियां सुनायी जाय। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपना साल भर का कार्यक्रम तैयार कर उसी के अनुरूप कार्यक्रम चलाया जाय।