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हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है- आनंदीबेन पटेल

locationलखनऊPublished: Jun 15, 2021 08:40:58 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर राज्यपाल ने किया वृद्धा आश्रम का भ्रमण, वृद्धाश्रम में त्रिस्तरीय व्यवस्था पर विचार किया जाये

हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है- आनंदीबेन पटेल

हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है- आनंदीबेन पटेल

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दुव्र्यव्हार जागरूकता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रायोजित सार्वजनिक शिक्षा शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा संचालित वृद्धा आश्रम, हीरालाल नगर, सरोजनी नगर लखनऊ का भ्रमण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन की ओर से वृद्धा आश्रम में रह रहे वृद्धजनों के उपयोगार्थ 2 वाशिंग मशीन, 80 बेड सीट, 40 गददा, 40 पिलों तथा 2 गैस चूल्हा आदि सप्रेम भेंट किये।
इसी क्रम में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने शहीद मेमोरियल सोसाइटी द्वारा संचालित सेवार्थ वृद्धा आश्रम पारा राजाजीपुरम लखनऊ में रह रहे वृद्धजनों के उपयोग के लिए 5 कूलर, 25 फोल्ड़िग बेड तथा 1 वाशिंग मशीन तथा शहीद मेमोरियल सोसाइटी द्वारा ही संचालित सेवार्थ वृद्धा आश्रम राजाजीपुरम लखनऊ में रह रहे वृद्धजनों के उपयोगार्थ 1 फ्रिज, 25 फोल्ड़िग बेड तथा 5 कूलर राज्यपाल के विशेष सचिव बद्री नारायाण सिंह ने राजभवन की ओर से भेंट किये गये। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। अतः परिवार का मतलब एक दूसरे की सहायता करना तथा एक दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनना है।
ऐसे संस्कार हमे अपने बच्चों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी कारण आज हम यहां अपने राजभवन की 5 बेटियों को लाये है ताकि वे यहां की व्यवस्था तथा रह रहे वृद्धजनों से उनके अनुभव जान सकें। राज्यपाल ने कहा कि आज यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तथा यहां पर वृद्धजनों के लिये जो व्यवस्था की गयी है, उससे मैं संतुष्ट हूं। यह प्रसन्नता की बात है कि सभी संवासी यहां भाई-बहन बनकर एक दूसरे के सुख-दुख के भागीदार बन रहे है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वृद्धाश्रमों में त्रिस्तरीय व्यवस्था होना चाहिये अर्थात बाल संरक्षण गृह, संवासनी गृृह तथा वृद्धा आश्रम एक स्थान पर होने से छोटे बच्चों को मां का प्यार एवं दादा-दादी का स्नेह मिलेगा तथा एक परिवार का वातावरण भी मिलेगा, जिससे बच्चे संस्कारवान तथा शिक्षित बनेगें। उन्होंने कहा कि सरकार को इस त्रिस्तरीय व्यवस्था पर विचार करना चाहिये।
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