कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में कर्मचारियों ने जनता को स्वस्थ रखने में अपनी जान पर खेलकर सेवाएं दी हैं। जिसकी आज जनता भी प्रशंसा करती है। कर्मचारी यह नहीं समझ पा रहा है कि जब कैबिनेट ने समूह ग के कर्मचारियों का पटल परिवर्तन करने का निर्णय लिया था तो विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष एवं मंत्री , दाम्पत्य ,दिव्यांग, मृतक आश्रित नियमावली के तहत आश्रित महिलाओं को दूर दूर क्यों भेजा गया है। जब केवल पटल परिवर्तन का निर्णय लिया गया था तो फिर ऐसा क्यों किया गया।द्वय नेताओं ने साफ तौर से कहा कि प्रदेश सरकार मोर्चा के पदाधिकारियों से संवाद कर वांछित निर्णय नहीं किए तो प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी वर्ष 2010 की तरह एक बार फिर आंदोलन कर बिगुल बजाएंगे। कर्मचारियों की नाराजगी एवं आक्रोश भावी चुनावों में सरकार के लिए नुकसानदेह साबित होगा।