साज-सज्जा की चीजें महंगी हो गई हैं
इंदिरा नगर की अमृता कहती हैं कि इस बार मोदी की जीएसटी ने तो हर चीज महंगा कर दिया है। हम जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन इस बार जीएसटी के कारण भगवान की साज-सज्जा की चीजें महंगी हो गई हैं, इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का रंग भी फिका हो गया है।
दुकानदारों की माने तो इस साल पीतल और स्टोन की प्रतिमाओं में 18 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। इससे प्रतिमाओं में करीब 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। यही कारण है कि चीजे महंगी हो गई हैं और महंगाई की वजह से ही जन्माष्टमी के बाजार में संनाटा दिख रहा है।
इंदिरा नगर की अमृता कहती हैं कि इस बार मोदी की जीएसटी ने तो हर चीज महंगा कर दिया है। हम जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन इस बार जीएसटी के कारण भगवान की साज-सज्जा की चीजें महंगी हो गई हैं, इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का रंग भी फिका हो गया है।
दुकानदारों की माने तो इस साल पीतल और स्टोन की प्रतिमाओं में 18 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। इससे प्रतिमाओं में करीब 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। यही कारण है कि चीजे महंगी हो गई हैं और महंगाई की वजह से ही जन्माष्टमी के बाजार में संनाटा दिख रहा है।
30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है वहीं फलों, खीरे और के दाम बढ़ गए हैं। पंचमेवा के दम में भी 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।
बतादें कि जीएसटी के लागू होने के बाद इसको लेकर व्यापारियों में डेढ़ महीने बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक ओर जहां दुकानदार जीएसटी के मानक पूरे करने के लिए जद्दोजहत कर रहा है और वहीं आम जनता पर मंहगाई का बोझ लगातार भारी पड़ता दिख रहा है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी जीएसटी का असर साफ दिख रहा है। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। पूजा की कुछ सामग्री को छोड़ दिया जाए जो अन्य सभी चीजों पर जीएसटी की मार पड़ी है। पूजा से जुड़ी कई चीजों के दामों में करीब 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
बतादें कि जीएसटी के लागू होने के बाद इसको लेकर व्यापारियों में डेढ़ महीने बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक ओर जहां दुकानदार जीएसटी के मानक पूरे करने के लिए जद्दोजहत कर रहा है और वहीं आम जनता पर मंहगाई का बोझ लगातार भारी पड़ता दिख रहा है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी जीएसटी का असर साफ दिख रहा है। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। पूजा की कुछ सामग्री को छोड़ दिया जाए जो अन्य सभी चीजों पर जीएसटी की मार पड़ी है। पूजा से जुड़ी कई चीजों के दामों में करीब 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी दिख रही है 15 अगस्त यानी मंगलवार को जन्माष्टमी है। इसको लेकर लोगों में उत्साह है। शहर के सभी चौराहों पर भगवान की प्रतिमाओं, श्रंगार व अन्य साज सज्जा की दुकाने सज गई हैं, लेकिन हर साल की तरह इस बार का नजारा नहीं दिख रहा है। इस बार दुकानों पर भीड़ न होने के कारण दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी दिख रही है। जब दुकानदारों से इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो उनका साफ सा जवाब था कि इसका सबसे बड़ा कारण जीएसटी है। निशातगंज में हर साल भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा व श्रंगार की दुकान लगाने वाले सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वह हर साल स्टोन व पीतल की प्रतिमाओं को बाहर के बाजारों से यहां लाकर बेचते थे। अच्छी कमाई हो जाती थी, लेकिन इस साल लगता है कि माल नहीं बिकेगा। उन्होंने बताया कि इस साल मूर्तियों के दामों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है वहीं सजावट की अन्य चीजें भी मंहगी हो गई हैं। वही किराना व्यापारी राजीव गुप्ता ने बताया कि इस बार पंचमेवा के भी रेटों में 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हुई हैं। इस साल बाजार में सन्नाटा है जबकि पिछले साल काफी रौनक थी। लोग केवल जरूरत की चीजों को ही खरीद रहे हैं।