लखनऊ

GST council meeting: पेट्रोल-डीजल नहीं आएंगे जीएसटी के दायरे में, महत्वपूर्ण दवाओं पर कोई टैक्स नहीं, जानें अन्य फैसले

GST council meeting. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (GST meeting update) के दायरे में लाने पर विचार हुआ और अंत में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

लखनऊSep 17, 2021 / 09:04 pm

Abhishek Gupta

Nirmala Sitaraman

लखनऊ. GST Council meeting. जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक शुक्रवार को लखनऊ में हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) की अध्यक्षता में शुक्रवार व शनिवार को चलने वाली इस बैठक में मुख्य रूप से (Petrol GST news) पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (GST meeting update) के दायरे में लाने पर विचार हुआ और अंत में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। निर्मला सीतारमण ने बताया कि केरल हाईकोर्ट के सुझाव पर आज इसपर चर्चा की गई। सदस्यों ने साफ तौर पर इसको खारिज किया। इसके साथ ही कोविड-19 की दवाओं पर 31 दिसंबर तक छूट बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं, ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं, ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा। ज़ोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसे ही दो महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं। इसके अतिरिक्त स्विगी और जोमैटो पर अभी कोई नया टैक्स नहीं लगेगा।
महत्वपूर्ण दवाओं पर जीएसटी नहीं-
निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं, ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं, ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा। ज़ोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसे ही दो महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं। काउंसिल ने रेलवे, लोकोमोटिव पर जीएसटी को मौजूदा 12% से बढ़ाकर 18% करने को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि डबल टैक्सेशन से बचने के लिए विमान या अन्य सामान के पट्टे पर आयात पर कुछ निर्णय लिए गए हैं। फुटवियर और टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्कीम 1 जनवरी, 2022 से ठीक हो जाएगी। इसके अतिरिक्त विशिष्ट नवीकरणीय उपकरणों पर 12% जीएसटी लागू होगा।
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यूपी भी पेट्रोल डीजल के प्रस्ताव के नहीं था पक्ष में-
हालांकि उत्तर प्रदेश ही इसके समर्थन में पीछे रहा। यूपी के साथ ही महाराष्ट्र, झारखंड, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़ समेत ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर ही रखने को कहा है। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सहित उक्त राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है। दिल्ली वित्त मंत्री का कहना है कि जीएसटी के तहत पेट्रोल व डीजल पर फैसला करने का यह सही समय नहीं है। राजस्व को लेकर बहुत विचार विमर्श करने होंगे। केन्द्र सरकार ने एक देश-एक दाम के तहत ही पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस वएविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया था। लेकिन लगता नहीं की ऐसा हो पाएगा। पेट्रोल कई राज्यों में सौ रुपए के पार बिक रहा है, जिसमें से करीब 60 फीसदी केवल टैक्स के रूप में जाता है।

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