मिर्जापुर का विन्ध्यवासिनी धाम नये साल के पहले और दूसरे दिन विंध्याचल मंदिर में होने वाली संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने दो दिनों तक चरण स्पर्श को प्रतिबंधित कर दिया है। अब श्रद्धालु एक जनवरी और दो जनवरी को मंदिर में मां विन्ध्यवासिनी के चरण स्पर्श नहीं कर सकेंगे। मंदिर समिति, पंडा समाज और जिला प्रशासन की बैठक में ये निर्णय लिया गया। वहीं चार पहिया वाहनों का पार्किंग स्थल भी मंदिर से दूर कर दिया गया है ताकि जाम कि स्थिति न पैदा हो।
ब्रज के मंदिरों में भी प्रतिबंध ब्रज के मंदिरों में भी प्रतिबंध को कड़ा किया जाने लगा है। मथुरा-वृंदावन के श्री बांकेबिहारी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, द्वारिकाधीश मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर बगैर मास्क के श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं, पुलिस-प्रशासन ने भी एक बार फिर सख्ती शुरू कर दी है। बिना मास्क लगाए श्रद्धालुओं को पुलिस वापस भेज रही है। यहां के प्रसिध्द द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं का टेंपरेचर मापने के बाद और हाथों को सैनिटाइजर दिलवाने के उपरांत मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। जो लोग मास्क लगाकर नहीं आ रहे हैं उनसे अपील की जा रही है कि मास्क लगाकर आएं।
अयोध्या के मंदिरों में बिना मास्क के अनुमति नहीं वहीं अयोध्या के मंदिरों में अगर आप बिना मास्क के दर्शन करने पहुँच गये तो आपको अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। अयोध्या के सभी मंदिरों में व्यवस्था लागू कर दी गयी है कि अगर कोई श्रद्धालु बिना मास्क दर्शन के लिए आएगा तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश डांस के मुताबिक अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में नव वर्ष पर भारी भीड़ होने की संभावना है। देश के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं तो वही कोरोना भी तेजी से फैल रहा है। जिसके लिए जरूरी है कि सभी श्रद्धालु व दर्शनार्थी मास्क लगाकर ही मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे इसके साथ ही मंदिर की चौखट व दीवारों को स्पर्श ना करें। वही अपील भी की है कि आने वाले श्रद्धालु वैक्सीन जरूर लगवाएं जिसे स्वयं सुरक्षित होने के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सके।