एक से ज्यादा नहीं रख सकेंगे लाइसेंसी हथियार
अब गृह मंत्रालय की ओर से आर्म्स एक्ट 1959 में संशोधन के लिए संसद में प्रस्तुत होने वाले बिल में ये प्रावधान किए गए हैं। बिल पर सभी राज्यों की राय जानने के बाद इसे संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें शस्त्रों की ऑनलाइन ट्रैकिंग को अनिवार्यता के साथ लागू करने का भी प्रावधान किया गया है। इससे हथियार बनाने वालों से लेकर बेचने वालों तक की पहचान आसानी से हो सकेगी। नए नियमों के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर एक व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ एक ही लाइसेंसी हथियार रख सकेगा। जिनके पास एक से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं, उनके बाकी लाइसेंस व शस्त्र जमा कर लिए जाएंगे। साथ ही शस्त्र जमा कराने के 90 दिन में लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई तय की जाएगी।
दो साल बढ़ी शस्त्र लाइसेंस की अवधि
प्रदेश सरकार ने आर्म्स एक्ट में संशोधन के लिए सार्वजनिक ड्राफ्ट पर जिला प्रशासन से भी सुझाव मांगे हैं। शस्त्र अनुभाग प्रभारी व एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन में शस्त्र लाइसेंस की अवधि तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने का प्रावधान भी शामिल है। वहीं, सभी लाइसेंस धारियों के लिए सरकार की ओर से प्रमाणित किसी राइफल क्लब का सदस्य होना भी जरूरी होगा। तभी उसको शस्त्र लाइसेस दिया जाएगा।
यूपी में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार
सीओ क्राइम दीपक कुमार सिंह के अनुसार पूरे देश में करीब 35 लाख लाइसेंसी शस्त्र हैं। इनमें सर्वाधिक 13 लाख लाइसेंसी असलहे अकेले उत्तर प्रदेश में हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में 3.7 लाख और पंजाब में 3.6 लाख लाइसेंसी हथियार हैं।