वही पूर्व महाप्रबंधक रिजर्व बैंक व मानसमर्मज्ञ अयोध्या प्रसाद पाण्डेय ने प्रेममूर्ति भरत के राम के प्रति प्रेम की बात कही।उन्होंने कहा कि भरत को सभी राज्य देना चाहते है किंतु उनके ह्रदय की बात नही जानते।भरत का कहना है कि उनका मन तो राम में रमा है।राम लक्ष्मण व सीता जी वन में है मेरा सिंहासन पर बैठना मेरे लिए कुपथ्य है और गुरु जन व माता आदि को मेरे लिए पथ्य की बात कहनी चाहिए जिससे मेरा ह्रदय का रोग कम हो सके। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व साधना गुप्ता की सरस्वती वन्दना से हुई।वक्ताओं का स्वागत व परिचय सँस्कृत के पूर्व अध्यापक शीतला प्रसाद वर्मा ने,धन्यवाद पूर्व अधिशासी अभियंता यूपीपावर कॉर्पोरेशन सतीश कुमार मिश्रा ने किया।
संचालनकर्ता साधना गुप्ता ने बताया कि ज्ञान संगम का कार्यक्रम विगत तीन वर्षों से उनके सेक्टर जे आशियाना आवास पर होता रहा किंतु कोरोना के कारण इस समय वर्चुअल ऑन लाइन हो रहा है ।वहीं श्री गुप्ता संस्कार भारती के तहत लोगो को निःशुक्ल संस्कृत भाषा का अध्ययन भी ऑन लाईन वर्चुअल करा रहे हैं।