प्रदूषण से मिली कुछ राहत राजधानी में बारिश होने से दूषित हवा से शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है। काफी अरसे बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार दिखाई दिया है। बुधवार को एक्यूआइ 204 रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले सात-आठ जनवरी को हुई छिटपुट बारिश के बाद एक्यूआई185 की रेंज में रिकॉर्ड किया गया था।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं के बीच हल्की बारिश से ठिठुरन बढ़ सकती हैं। इससे दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है। इसके अलावा हल्की धुंध भी पडऩे के आसार हैं। राजधानी लखनऊ सहित औरैया, मेरठ, बांदा, उरई, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उरई, उन्नाव सहित कई जिलों में बारिश के चलते मार्गों पर वाहनों के पहिए थम गए। साथ ही कई जिलों में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी घना कोहरा छाया रहा। मौसम का असर रेल की चाल पर पड़ा है। दिल्ली की ओर से आने वाली कई ट्रेन चारबाग स्टेशन पर लेट पहुंची।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं के बीच हल्की बारिश से ठिठुरन बढ़ सकती हैं। इससे दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है। इसके अलावा हल्की धुंध भी पडऩे के आसार हैं। राजधानी लखनऊ सहित औरैया, मेरठ, बांदा, उरई, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उरई, उन्नाव सहित कई जिलों में बारिश के चलते मार्गों पर वाहनों के पहिए थम गए। साथ ही कई जिलों में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी घना कोहरा छाया रहा। मौसम का असर रेल की चाल पर पड़ा है। दिल्ली की ओर से आने वाली कई ट्रेन चारबाग स्टेशन पर लेट पहुंची।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश पर हो गया है। इस सीजन में स्ट्रांग सिस्टम से कश्मीर घाटी में जमकर बफबारी हो रही है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में कहीं घना कोहरा छाने के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऊपरी सतह (जमीन से 15 किमी ऊपर) में तेज हवा चला रही है। इससे उत्तर भारत में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। यूपी में आधी रात के बाद पश्चिमी विक्षोभ ने अपना असर दिखाया और मौसम बदल गया। हालांकि न्यूनतम तापमान में तो खास गिरावट दर्ज नहीं गई। पांच से सात किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने लगीं। तड़के होते होते घना कोहरा छा गया। एयरपोर्ट पर सुबह के समय धुंध दिखाई।
दिन में ही छा गया अंधेरा
शुक्रवार को दिन में ही अंधेरा छा गया। काफी देर तक ऐसा ही रहा और इस बीच बारिश होती रही। बारिश से ठंड जहां बढ़ गई तो वहीं बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बारिश से भिंगते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। डाक्टरों का कहना है कि यह बारिश स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। भिगने पर तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे मौसम में घर से बाहर ना निकलें। नहीं तो इसका आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है।
शुक्रवार को दिन में ही अंधेरा छा गया। काफी देर तक ऐसा ही रहा और इस बीच बारिश होती रही। बारिश से ठंड जहां बढ़ गई तो वहीं बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बारिश से भिंगते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। डाक्टरों का कहना है कि यह बारिश स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। भिगने पर तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे मौसम में घर से बाहर ना निकलें। नहीं तो इसका आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि मौसम में आये बदलाव का कारण पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ है। बारिश आने वाले तीन चार दिनों तक होने की संभावना है। जालौन में तेज बारिश ने लोगों को घर में दुबकने को विवश कर दिया।
दलहनी, सरसों और आलू की की फसलों को होगा नुकसान
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि बदलते मौसम के बीच रबी की विभिन्न फसलों खासकर गेहूं, जौं, चना, मटर, सरसों और सब्जियां में कीट/रोगों के प्रकोप की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को अगर फसल में रोग के लक्षण दिखें तो तत्काल जरूरी दवाओं का छिड़काव करें। बारिश, ओलावृष्टि से दलहनी, सरसों व आलू की फसल को नुकसान होने की संभावना है। जबकि गेहूं व गन्ने की फसल के लिए वरदान बताई जा रही है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि बदलते मौसम के बीच रबी की विभिन्न फसलों खासकर गेहूं, जौं, चना, मटर, सरसों और सब्जियां में कीट/रोगों के प्रकोप की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को अगर फसल में रोग के लक्षण दिखें तो तत्काल जरूरी दवाओं का छिड़काव करें। बारिश, ओलावृष्टि से दलहनी, सरसों व आलू की फसल को नुकसान होने की संभावना है। जबकि गेहूं व गन्ने की फसल के लिए वरदान बताई जा रही है।