मामले की नहीं कोई जानकारी वहीं ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (एआईबीएमएसी) के संयोजक जफरयाब जिलानी (Jafaryab Jilani) ने कहा है कि उन्हें सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अपील वापस लेने की कोई जानकारी नहीं है। वहीं अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुलह-समझौता कमेटी में सदस्य नामित किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू को हलफनामा देकर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की ओर से दावा छोड़ने की बात सामने आई है, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ऐसा कुछ भी दायर नहीं हुआ है, यह अफवाह है। हम सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।
यह है पूरा मामला दरअसल दशकों से चले आ रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में बुधवार को खबर आई कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) ने मामले में दायर केस को वापस लेने का फैसला किया है। वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के जरिये इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। जानकारी के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल करने से पहले अपने वकीलों से सलाह-मशविरा भी नहीं किया। हलफनामे में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह अपना केस वापस लेना चाहता। हलफनामा श्रीराम पंचू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने कहा कि अब किसी भी तरह के हस्तक्षेप की अर्जी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।