दरअसल यमुना और बेतवा नदी में आई बाढ़ से मतदाताओं की संख्या में कमी आई है। दोपहर तक बूथ संख्या 122 में मात्र एक वोट पड़ा। वहीं बूथ संख्या 123 में चार व 121 में कोई भी वोट डालने नहीं आया। कंडौर गांव के लोगों ने किया भी मतदान बहिष्कार किया। हमीरपुर में लगातार हो रही बारिश की वजह से चुनाव मतदान की रफ्तार सुस्त पड़ गई। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं के लिए जिला प्रशासन ने हर बूथ पर नाव, ट्रैक्टर और मोटरबोट की भी व्यवस्था की। वहीं चार गांवों में ग्रामीणों ने विकास कार्यों की मांग करते हुए मतदान का बहिष्कार करने के बाद सभी बड़े अफसर उन्हें मनाने में जुटे रहे। कई प्रयासों के बाद विकास कार्यों को कराने का आश्वासन देकर वहां मतदान शुरू कराया गया। वहीं बाढ़ प्रभावित मतदान केंद्र मेरापुर में मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार कर वोट डालने से मना कर दिया। यहां लोग यमुना व बेतवा नदियों पर तटबंध की लंबे समय से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
क्यों हो रहा उपचुनाव?
भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल को अयोग्य घोषित करार दिये जाने के बाद हमीरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अशोक सिंह चंदेल ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता था। इसी वर्ष हत्या के एक पुराने में मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसके बाद उनके विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी।
क्या है क्यूआर पर्ची
क्यूआर पर्ची के जरिये वोटर के जरिये मतदाता अपने बूथ की स्थिति जान सकेंगे। इसके लिये मतदाताओं को मोबाइल में एप डाउनलोड करनी होगी। वोटर्स को पर्ची के क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद मतदाता भी बिना इंटरनेट के अपने मोबाइल फोन से स्कैन कर बूथ की स्थिति जान सकेंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता भी बिना इंटरनेट के इस वोटर पर्ची के जरिये मोबाइल फोन से स्कैन कर के बूथ की स्थिति जान सकेंगे। चुनाव आयोग एक स्टडी के तौर पर क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर रहा है। अगर क्यूआर कोड पर्ची का प्रोजेक्ट कामयाब होता है तो चुनाव आयोग इसे पूरे देश में लागू कर सकता है।
चार निर्दलीय भी मैदान में
हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी से युवराज सिंह, बहुजन समाज पार्टी से नौशाद अली, समाजवादी पार्टी (सपा) से डॉ. मनोज प्रजापति, कांग्रेस से हरदीपक निषाद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से जमाल आलम मंसूरी प्रमुख हैं। चार निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं।