मंजिल दूर और सफ़र बहुत है
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है, मार डालती यह दुनिया कब की हमें लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है!
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है, मार डालती यह दुनिया कब की हमें लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है!
हैप्पी मदर्स डे
लाखों फूल से सुंदर है मां लाखों फूलों से सुंदर है मां सबसे प्यारी सबसे हट कर है मां मां के लिए तो मेरा सब कुछ समर्पित
लाखों फूल से सुंदर है मां लाखों फूलों से सुंदर है मां सबसे प्यारी सबसे हट कर है मां मां के लिए तो मेरा सब कुछ समर्पित
मां तू है तो मेरे लिए है यह जहां आप मदर्स डे पर कुछ कविताएं भी अपनी मां के लिए भेज सकते हैं। खुद जागकर सारी रात चैन की नींद सुलाता कौन…
माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मुझे चलना सिखलाता कौन… ठोकर लगने पर रस्ते पर हाथ पकड़ कर संभालता कौन… माँ अगर तुम न होती तो…
माँ अगर तुम न होती तो मुझे बोलना सिखाता कौन… बचपन के अ, आ, ई, पढ़ना-लिखना सिखाता कौन… माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मुझे हंसना सिखाता कौन…
गलती करने पर पापा की डांट से बचाता कौन… माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मुझे परिवार का प्यार दिलाता कौन… सब रिश्ते और नातों से मेरी मुलाकात कराता कौन….
माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मुझे गलती करने से रोकता कौन… सही क्या हैं, गलत क्या हैं इसका फर्क बताता कौन… माँ अगर तुम न होती तो…
माँ अगर तुम न होती तो मुझे ‘प्यारी लाड़ो’ कहता कौन… ‘मेरी राज-दुलारी प्यारी बिटिया’ कहकर गले लगाता कौन… माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मुझे समाज मैं रहना सीखाता कौन…
तुम्हारे बिना ओ मेरी मां मेरा अस्तित्व स्वीकारता कौन… माँ अगर तुम न होती तो… माँ अगर तुम न होती तो मेरा हौसला बढ़ाता कौन… नारी की तीनों शक्ति से मुझे परिचित कराता कौन…
माँ अगर तुम न होती तो…